नगर निगम. 2015-16 के एजी के आॅडिट में पकड़ी गयी अनियमितता
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1682 लाख से अधिक का हिसाब नहीं
नगर निगम. 2015-16 के एजी के आॅडिट में पकड़ी गयी अनियमितता वर्ष 2017 में हुए ऑडिट में हर स्तर पर मिली बड़े पैमाने पर गड़बड़ी भागलपुर : सृजन घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और नगर निगम में करोड़ों की अनियमितता उजागर हो गयी है. महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में निगम के […]
वर्ष 2017 में हुए ऑडिट में हर स्तर पर मिली बड़े पैमाने पर गड़बड़ी
भागलपुर : सृजन घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और नगर निगम में करोड़ों की अनियमितता उजागर हो गयी है. महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में निगम के सफाई से लेकर निर्माण सहित सभी काम पर सवाल उठाये गये हैं. कहा गया कि हर काम में सरकारी अफसर ने लापरवाही की है. इस कारण सरकार को होनेवाले 1682 लाख रुपये से अधिक की आय का अता-पता नहीं है.
वर्ष 2015-16 की ऑडिट में खुलासा: महालेखाकार ने वर्ष 2015-16 के वित्त वर्ष में हुए खर्च का जनवरी से लेकर मार्च के बीच ऑडिट किया था. प्रशासनिक स्तर पर ऑडिट की रिपोर्ट से अंदर ही अंदर खलबली मच गयी है.
कंबल वितरण पर उठे सवाल : 26 नवंबर 2015 को कंबल को लेकर टेंडर निकला और जनवरी में कंबल की आपूर्ति हुई. एक तरफ तो आधी सर्दी के बाद कंबल बांटा गया. दूसरी ओर उसमें वर्ष 2014-15 में जिन्हें कंबल मिला, वह वर्ष 2015-16 के भी लाभुक बने. कंबल वितरण करनेवाले से वैट की कटौती नहीं की गयी. इस कारण संबंधित एजेंसी को 74 हजार 739 रुपये का फायदा हो गया.
निगम बकाया वसूली में फेल, तो टेंडर मामले में संवेदक पर रहा मेहरबान
कूड़ादान से लेकर ऑटो ट्रीपर तक की खरीद में अनियमितता
उपभोक्ता शुल्क/दंड अधिरोपण नहीं करने पर- 673.33 लाख.
संचार मीनार का पंजीकरण शुल्क की वसूली नहीं- 447.91 लाख.
अग्रिम का समायोजन नहीं होने पर – 276.46 लाख
नक्शा स्वीकृति में डेवलपमेंट परमिट नहीं लेने पर- 118.8 लाख.
चार जलापूर्ति मद में उपभोक्ता शुल्क की वसूली नहीं होने- 19.88 लाख.
कूड़ादान क्रय में अनियमितता -40.56 लाख.
विज्ञापन शुल्क की वसूली नहीं होने- 40 लाख.
बल्ब के अनियमित क्रय पर व्यय होने पर- 23.71 लाख.
ऑटो टीपर क्रय में अनियमितता- 23.64 लाख.
व्यापार अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण नहीं करने पर -8.36 लाख.
सैरात: बंदोबस्ती की राशि जमा नहीं होने-6.05 लाख.
फागिंग मशीन क्रय में अनियमितता-2.18 लाख
सैप्टिक टैंक सफाई में शुल्क की वसूली नहीं होने-1.296 लाख
वित्त वर्ष के बकाया वसूली में भी हुए फेल
नगर निगम के दुकानों पर बकाया : 23.60 लाख
सरकारी भवन पर कर का बकाया : 697.72 लाख
संपत्ति कर का बकाया : 25.05 लाख
अभिलेख (रिकार्ड) दुरुस्त नहीं, घोटाले की आशंका
आउटसोर्सिंग एजेंसी से कराये गये सफाई कार्य का अभिलेख नहीं.
ठोस अपशिष्ट के निबटारा के लिए स्थल का निर्धारण नहीं.
ठोस अपशिष्ट के भंडारण की सत्यता संदिग्ध.
बगैर ढके ठोस अपशिष्ट का परिवहन किया जाना.
अपंजीकृत वाहनों का परिचालन किया जाना.
निगम कार्यालय के वाहनों का बीमा नहीं कराया जाना.
आउटसोर्सिंग एजेंसी से कराये गये सफाई कार्य का अभिलेख नहीं.
ठोस अपशिष्ट के निबटारा के लिए स्थल का निर्धारण नहीं.
ठोस अपशिष्ट के भंडारण की सत्यता संदिग्ध.
बगैर ढके ठोस अपशिष्ट का परिवहन किया जाना.
अपंजीकृत वाहनों का परिचालन किया जाना.
निगम कार्यालय के वाहनों का बीमा नहीं कराया जाना.
बजट प्राक्कलन के विरुद्ध बहुत ही कम लक्ष्य को प्राप्त किया जाना.
बजट प्राक्कलन निर्धारित अवधि में पारित नहीं किया जाना.
बजट बनाने में सार्वजनिक सहभागिता नहीं.
बजट की अर्धवार्षिक समीक्षा नहीं
अनुदान राशियों का लेखा संधारण नहीं
वार्षिक लेखा का संधारण नहीं.
बिल कलेक्टर(संग्राहक) द्वारा कलेक्शन नहीं का संधारण नहीं.
रोकड़ बही का संधारण नियमानुसार नहीं.
बैंक समाधान विवरणी नहीं बनाया जाना.
निर्माण काम में संवेदक पर मेहरबानी
वार्ड-13 में कंपनी बाग में पीसीसी पथ व नाला निर्माण में विलंब शुल्क की कटौती नहीं होने से 4.58 लाख.
परिमाण विपत्र की दर से 10 फीसदी से अधिक कम निविदा पर एकरारनामा.
सफाई की संविदा के दर में निर्धारण
निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को संविदा पर देने में अनियमितता.
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