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फर्जीवाड़ा में नाम आने के बाद रसूखदारों के रिश्तेदारों ने भी छोड़ा शहर

रसूखदार अपने लोगों से फोन नहीं, सिर्फ व्हाट्स एप्प से कर रहे बात भागलपुर के भाजपा नेता का मोबाइल स्विच आॅफ भागलपुर : सृजन समिति से संबंध रखने वाले और करोड़ों की राशि से शहर के रसूखदार बने कई लोगों ने फर्जीवाड़ा में नाम आने के बाद शहर छोड़ दिया है. चर्चा है कि इन्हीं […]

रसूखदार अपने लोगों से फोन नहीं, सिर्फ व्हाट्स एप्प से कर रहे बात

भागलपुर के भाजपा नेता का मोबाइल स्विच आॅफ
भागलपुर : सृजन समिति से संबंध रखने वाले और करोड़ों की राशि से शहर के रसूखदार बने कई लोगों ने फर्जीवाड़ा में नाम आने के बाद शहर छोड़ दिया है. चर्चा है कि इन्हीं लोगों की खोज में अब पुलिस की टीम देश के कई राज्याें में भी जायेगी, जहां इन लोगों ने भागलपुर से ज्यादा संपत्ति अर्जित कर रखी है. चर्चा यह है कि ऐसे रसूखदारों के रिश्तेदार भी अब शहर छोड़ने लगे हैं. ये लोग उनके बताये स्थान पर जाने लगे हैं. अब ये लोग सिम बदल-बदल कर अपने लोगों से बात कर रहे हैं,
ताकि उनके लोकेशन का पता नहीं चल पाये. भाजपा नेता विपिन शर्मा का सृजन बैंक से लोन लेने में नाम आने के बाद शनिवार को उनके एक करीबी ने बताया कि नेताजी ने वहां से सिर्फ अपने कारोबार के लिए 40 लाख का लाेन लिया है. उनका और कोई संबंध नहीं है. वहीं मामले में नाम आने के बाद ऐसे नेताओं पर पार्टी कार्रवाई करेगी. इस पर पार्टी के जिलाध्यक्ष रोहित पांडे ने कहा कि ये मामला जांच का विषय है. दोषी कोई भी हो सरकार कार्रवाई करेगी.
सृजन से सबंधित फाइलें भी भेजी जा रहीं बाहर : शहर में सृजन से संबंध रखने वाले और शहर में महंगे जूते, कपड़े और टीवी का कारोबार करनेवाले अब दुकान से फाइल को हटाने में लग गये हैं. शहर में सृजन से संबंधित फाइल को भी बाहर भेजने की तैयारी है. कई फाइलें तो बाहर चली गयी हैं. गुरुवार की रात दुकानों से फाइलें थैले में भर कर कार से शहर से बाहर भेजी गयी हैं. चर्चा यह भी है कि पुलिस छापेमारी की भनक लगते ही सृजन बैंक से भी कई कागजात गायब हो गये.
कुमार अनुज की पत्नी को मिला है लोन
भागलपुर के एसडीअो रहे कुमार अनुज की हर्ले डेविडसन मोटरसाइकिल भी सृजन से फाइनेंस की गयी. कुमार अनुज की पत्नी दिव्या सिन्हा ने छह लाख रुपये लोन लेकर अपने पति को बाइक गिफ्ट की थी. इस मामले में कुमार अनुज का कहना है कि सृजन बैंक की तरह लोन देता था, तो मेरी पत्नी ने लोन लिया. यह पूछने पर कि मात्र कुछ हजार देकर सृजन संस्था की सदस्यता ले लेना और फिर छह लाख रुपये लोन मिल जाना सवाल तो खड़ा ही करता है. इस पर कुमार अनुज ने कहा कि इतना तो पद व प्रतिष्ठा के नाते चलता ही है.
कल्याण विभाग के बड़ा बाबू को 10 लाख
जिला कल्याण विभाग के एक बड़ा बाबू महेश मंडल को पांच-पांच लाख रुपये दो बार दिये गये. ये रुपये महेश मंडल ने ऋण लिये या फिर कुछ और, इस संबंध में महेश मंडल से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी. सिर्फ यही दो नाम ही सामने नहीं आ रहे, बल्कि भागलपुर के अन्य कई व्यापारियों के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्हें सृजन से रुपये दिये गये हैं. ये रुपये लाख से लेकर करोड़ तक में है. इस बीच, बताया जा रहा है कि जिला कल्याण विभाग सहित कई अन्य विभाग के लोगों ने यहां से लाखों में रुपये लेकर कई-कई गाड़ियां खरीद ली हैं.
कलिंगा सेल्स समेत कई लोगों ने सृजन से कर्ज लिया
सृजन के फर्जीवाड़े की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं. सृजन के स्टेटमेंट से राज भी खुल रहे हैं. पता चला है कि सृजन ने कई लोगों को दिल खोल कर रुपये दिये हैं. इसमें शहर के कई व्यवसायियों के नाम सामने आ रहे हैं.सूत्रों ने बताया कि इंडियन बैंक में सृजन का एक खाता 2009 में खुला. खाता खुलने के बाद से ही कइयों को ऋण दिये गये हैं. 2009 में ही यहां के कलिंगा सेल्स के कारोबारी एनवी राजू को एक बार में 25 लाख रुपये दिये गये. इस संबंध में बात करने पर कलिंगा के प्रोपराइटर एनवी राजू ने कहा कि उन्होंने सृजन से ऋण लिया था और उसे समय से चुका भी दिया. सृजन एक बैंक भी है, इसलिए वहां से ऋण लिया.

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