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जेएलएनएमसीएच: मरीज हो रहे परेशान, बाहर की दुकानों का ही सहारा, शुगर से एलर्जी तक की दवा नहीं

भागलपुर: मायागंज हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में दवाओं की खेप आयी है. ऐसी भी दवा अब मिलने लगी है, जो इससे पहले नहीं मिलती है. इन सबके बावजूद अभी भी मरीजों को जरूरी दवा मिलने की राह मुश्किल है. इन-इन दवाओं का बना हुआ है टोटा : लेवो सेट्रिजिन टैबलेट (एंटी एलर्जिक), मेटफार्मिन (शुगर), कैलशियम, […]

भागलपुर: मायागंज हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में दवाओं की खेप आयी है. ऐसी भी दवा अब मिलने लगी है, जो इससे पहले नहीं मिलती है. इन सबके बावजूद अभी भी मरीजों को जरूरी दवा मिलने की राह मुश्किल है.
इन-इन दवाओं का बना हुआ है टोटा : लेवो सेट्रिजिन टैबलेट (एंटी एलर्जिक), मेटफार्मिन (शुगर), कैलशियम, एटोर वास्टेटिन (कोलेस्ट्राल हार्ट), आइसो सारवाइक मोनो नाइट्रेट(हार्ट), आइसो सारवाइक डाई नाइट्रेट (हार्ट), मेट्रोप्रोजोल (हार्ट), मिथाइल कोबलाटिन (ताकत), एस्प्रिन (खून पतला करने के लिए) व फेमिटाइन (मिरगी की दवा) नहीं है.
सदर अस्पताल में भी दवाओं की कमी
सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों को बहुत सी जरूरी दवा नहीं मिल रही है. हालांकि सदर अस्पताल के डीपीएम फैजान अशरफी आलम जुलाई में बीएमएसआइसीएल की तरफ से 65 प्रकार की दवा आने का दावा कर रहे हैं. सदर अस्पताल में जब शुक्रवार को पड़ताल की गयी तो पता चला कि यहां पर लोसारटन 500 एमजी(ब्लड प्रेशर), पैरासिटामॉल टैबलेट(बुखार), मेटफार्मिन (शुगर), एमाक्सलिन (एंटीबायोटिक), मेट्रोजिल (लूजमोशन), ओमीप्रोजॉल (एसिडिटी), डाइक्लोफेमिक ट्यूब (पेन रिलीफ), क्लोट्रामिजाॅल (स्किन) आदि दवा नहीं है.

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