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अब भागलपुर में ही होगी शिक्षकों की ट्रेनिंग

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) ने यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) को ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) का प्रस्ताव भेजा है. यूजीसी की हरी झंडी मिली, तो महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए पटना व मुजफ्फरपुर का चक्कर नहीं काटना होगा. उन्हें अब भागलपुर में ही प्रशिक्षण प्राप्त हो जायेगा. विवि का शैक्षणिक […]

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) ने यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) को ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) का प्रस्ताव भेजा है. यूजीसी की हरी झंडी मिली, तो महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए पटना व मुजफ्फरपुर का चक्कर नहीं काटना होगा. उन्हें अब भागलपुर में ही प्रशिक्षण प्राप्त हो जायेगा.
विवि का शैक्षणिक स्तर बढ़ेगा
एचआरडीसी के स्थापित होने से टीएमबीयू के अंतर्गत आनेवाले 29 कॉलेज, 28 एफिलिएटेड कॉलेज, 29 कांस्टीच्यूएंट कॉलेज, 34 पीजी विभाग के शिक्षकों को लाभ मिलेगा. विवि व महाविद्यालय के शिक्षक यहां आेरिएंटेशन और रिफ्रेशर कोर्स कर सकेंगे. शिक्षकों को दक्षता मिलने के बाद विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर भी बढ़ेगा.
तरक्की की राह आसान
एचआरडीसी से शिक्षकों की तरक्की आसान होगी. 2003 और 2017 में ज्वाइन करनेवाले शिक्षक यहां कोर्स कर सकेंगे. असिस्टेंट प्रोफेसर व लेक्चरर आेरिएंटेशन कोर्स कर सीनियर लेक्चरर बन जायेंगे. तीन साल बाद रीडर एसोसिएट प्रोफेसर बन जायेंगे.
बीएनएमयू के शिक्षक भी आयेंगे
टीएमबीयू में एचआरडीसी के बाद बीएनएमयू (भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी ) के शिक्षक भी यहां आकर कोर्स कर सकेंगे. मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज के शिक्षक यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.
शिक्षकों को मिलेगी दक्षता
आेरिएंटेशन कोर्स करने करने के बाद शिक्षक पूर्ण शिक्षक बन जाते हैं. इससे उस विषय में शिक्षक को दक्षता हासिल हो जाती है. कोर्स कराने के लिए विवि के अलावा बाहर से भी एक्सपर्ट आते हैं.
समय और धन की होगी बचत : ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों को पटना व मुजफ्फरपुर जाना पड़ता है. यहां पर ट्रेनिंग शुरू होने से समय और धन दोनों की बचत होगी. शिक्षकों को लंबे समय तक बाहर नहीं ठहरना पड़ेगा. बता दें कि आेरिएंटेशन कोर्स 28 दिन का जबकि रिफ्रेशर कोर्स 21 दिन का होता है.
कितनी लंबी प्रक्रिया : वीसी प्रो नलिनी कांत झा के प्रयास से यूजीसी की हरी झंडी मिल जाती है, तो एचआरडीसी का सपना साकार हो जायेगा. यूजीसी की ओर से ग्रांट मिलेगी. विवि में भवन का निर्माण होगा. बकायदा एचआरडीसी के डायरेक्टर नियुक्त किये जायेंगे.
नाम नया, उद्देश्य पुराना : ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) पहले एकेडमिक स्टाफ कॉलेज (एएससी) के नाम से जाना जाता था. इसका नाम तो नया हो गया है, मगर उद्देश्य पुराना ही है. टीएमबीयू में एएससी तो नहीं खुल पाया, मगर अब एचआरडीसी का प्रस्ताव भेजा गया है. यूजीसी से इसको हरी झंडी मिलने का इंतजार है.

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