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मुंगेर में प्रति घंटे तीन सेमी बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

भागलपुर : मुंगेर. उफनाती गंगा के रफ्तार को देख दियारावासी पूरी तरह भयक्रांत हो गये हैं. गंगा का जलस्तर प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. पिछले तीन दिनों में गंगा का जलस्तर 1.53 मीटर बढ़ा है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंगा अब अपने रौद्र रूप को धारण करनेवाली […]

भागलपुर : मुंगेर. उफनाती गंगा के रफ्तार को देख दियारावासी पूरी तरह भयक्रांत हो गये हैं. गंगा का जलस्तर प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. पिछले तीन दिनों में गंगा का जलस्तर 1.53 मीटर बढ़ा है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंगा अब अपने रौद्र रूप को धारण करनेवाली है.

मंगलवार की शाम गंगा का जलस्तर 34.24 मीटर तक पहुंच गया. जो अब खतरे के निशान से सिर्फ 5.09 मीटर नीचे है. हालांकि खतरे के निशान तक

मंुगेर में प्रति…
जलस्तर के पहुंचते-पहुंचते दियारा का खेत ही नहीं बल्कि पूरा गांव ही बाढ़ से प्रभावित हो जायेगा.
भारी बारिश की वजह से कोपड़िया में ट्रैक धंसा
सिमरी(सहरसा). पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड के कोपड़िया होम सिगनल के पास मंगलवार अहले सुबह उस समय बड़ा हादसा होते-होते बच गया, जब भारी बारिश के बाद कोपड़िया होम सिगनल के निकट कई जगहों पर ट्रैक धंस गया और होम सिगनल पूरी तरह झुक गया. रेल ट्रैक के धंसने और सिगनल के झुकने की खबर से अफरा-तफरी मच गयी.
बारिश से कोसी में उफान सहायक नदियां भी बौरायी
नेपाल व कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से कोसी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. सहरसा, सुपौल, मधेपुरा के निचले इलाके में पानी घुस गया है. महानंदा का जलस्तर बढ़ने से पूर्णिया, कटिहार और अररिया में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सुपौल के निर्मली शहर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
बारिश से कोसी…
मंगलवार को नेपाल स्थित बराह क्षेत्र से डिस्चार्ज 120100 क्यूसेक मापी गयी है. जबकि बराज से डिस्चार्ज 174650 क्यूसेक है. मुख्य अभियंता कार्यालय वीरपुर से मिली जानकारी के अनुसार दिन के दो बजे कोसी डिस्चार्ज में सोमवार की अपेक्षा कमी आयी है. मालूम हो कि सोमवार को दो बजे कोसी का डिस्चार्ज बराह क्षेत्र से 136400 क्यूसेक और बराज से 181065 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया था.
सहरसा के नवहट्टा प्रखंड में पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच सात पंचायत के 70 हजार से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में आ गयी है. तटबंध के अंदर आयी बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. बाढ़ का आलम यह है कि लोगों के घर के चारों तरफ बाढ़ का पानी धीरे धीरे फैल रहा है. सुरसर व तिलाबे नदी में उफान से सोनवर्षाराज में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
सुपौल के मरौना प्रखंड के कई गांवों में पानी घुस गया है. मझारी-सिकरहट्टा निम्न बांध पर कई जगह बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. निर्मली अनुमंडल में तिलयुगा व बिहुल नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी स्लुइस गेट से शहर में घुस गया है. नगर क्षेत्र में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से कई वार्ड पूरी तरह जलमग्न हो गया है. आलम यह है कि वार्ड नंबर सात स्थित अनुमंडल पदाधिकारी का आवासीय परिसर, कोसी निरीक्षण भवन,
कोसी विश्राम गृह व वार्ड नंबर छह स्थित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का आवासीय परिसर में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. जल संसाधन विभाग द्वारा जल निकासी के लिए तीन-तीन स्लुइस गेट निर्माण कराया गया था, लेकिन सभी नकारा ही साबित हो रहा है. जिसके कारण नगर क्षेत्र का पानी बाहर जाने की बजाय नगर के पूरब व पश्चिम बह रही तिलयुगा व बिहुल नदी का पानी शहर में प्रवेश कर रहा है.
मधेपुरा में परमाने व चिलौनी में जलस्तर बढ़ने से धाराओं से तीन ओर से घिरा मधेपुरा नगर लगातार नदी में बढ़ रहे जलस्तर की वजह से खतरे में है. एक ओर निरंतर हो रही बारिश की वजह से बाजार व सभी मोहल्ले पानी-पानी हो गया है, तो दूसरी ओर नदी में बढ़ रहा जलस्तर का प्रभाव निचले इलाकों में दिख रहा है, जहां घरों में पानी दस्तक दे रहा है. नगर के सीमा पर जिला मुख्यालय को घैलाढ़ समेत पश्चिमी भाग से जोड़नेवाली सड़क पर बने पुल में जलकुंभी फसे रहने से पानी का बहाव प्रभावित हुआ है. इसकी वजह से साहुगढ़ के कारूटोला समेत कई किनारे के टोलों में पानी ने घरों में दस्तक दे दी है.
पूर्णिया में बायसी, अमौर व बैसा के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. केंद्रीय जल आयोग के सहायक अभियंता के अनुसार डेंगराहा घाट में महानंदा का स्तर लगातार बढ़ रहा है. यहां खतरे के निशान 35.65 मीटर से बढ़ कर जलस्तर 36.44 मीटर हो गया है. इस प्रकार मंगलवार दोपहर दो बजे तक 80 सेंटीमीटर जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है. झौवा स्थित महानंदा के जलस्तर खतरे के निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है, जबकि तैयबपुर में महानंदा नदी के जल स्तर में दोपहर दो बजे से गिरावट आयी है. अररिया स्थित परमान नदी का स्तर खतरे के निशान 47.000 मीटर से 46.59 मीटर तक पहुंच गया है. यहां नदी का स्तर बढ़ रहा है. वहीं चरघरिया के पश्चिमी कनकई एवं गलगलिया के मैची नदी का स्तर खतरे के निशान से नीचे है.
किशनगंज के सभी प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं. मेची, महानन्दा, चेंगा, कनकई समेत सारी नदियां उफनाई हुई हैं और लगातार सभी नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. मेची नदी का जल स्तर बढ़ने से समीपवर्ती ठाकुरगंज प्रखंड के भातगांव, चुरली, दल्लेगांव, तातपोवा पंचायत के दर्जनों गांव के लोग प्रभावित हैं. दिघलबैंक, बहादुरगंज, टेढ़ागाछ, कोचाधामन प्रखंड के भी दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
कटिहार में महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से लोग अब दहशतजदा है. पिछले 24 घंटे से जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण यह नदी कई स्थानों पर लाल खतरा का निशान पार कर गया है. इस दौरान नदी का जलस्तर करीब 80 सेंटीमीटर से लेकर 140 सेंटीमीटर वृद्धि दर्ज की गयी है. दूसरी तरफ गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि अब भी जारी है. गंगा नदी का जलस्तर वृद्धि होने से मनिहारी नगर क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र व पीर मजार के पीछे भीषण कटाव जारी है.

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