भागलपुर : कॉलेज शिक्षकेतर कर्मचारियों को मिली प्रोन्नति में गड़बड़ी की बात सामने आने से मामला तूल पकड़ने लगा है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के जिला इकाई प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र झा व मंत्री सुशील मंडल आमने-सामने हो गये हैं.
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प्रोन्नति को ले प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष व मंत्री आमने-सामने
भागलपुर : कॉलेज शिक्षकेतर कर्मचारियों को मिली प्रोन्नति में गड़बड़ी की बात सामने आने से मामला तूल पकड़ने लगा है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के जिला इकाई प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र झा व मंत्री सुशील मंडल आमने-सामने हो गये हैं. मंत्री का कहना है कि कर्मचारियों को मिली प्रोन्नति में नियम का […]
मंत्री का कहना है कि कर्मचारियों को मिली प्रोन्नति में नियम का पालन नहीं किया गया है. प्रोन्नति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है. मंत्री श्री मंडल ने विवि से प्रोन्नति की जांच कर सही लोगों को प्रोन्नति दिये जाने की मांग की है. वहीं प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष ने संगठन मंत्री के इस बयान पर आपत्ति जतायी है. इसे लेकर दोनों अधिकारी ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाये है. नाम नहीं छापने की शर्त पर कॉलेज कर्मचारियों ने बताया कि कॉलेज कर्मियों की 1986 सेवा संपुष्टि नहीं की गयी है. ऐसे भी कर्मचारियों को विवि ने प्रोन्नति दी है. कर्मचारियों ने विवि पर आरोप लगाया कि 2005 में विवि में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा संपुष्टि कर दी गयी है.
दोनों पदाधिकारी ने एक-दूसरे पर लगाये गंभीर आरोप
जेआरएस कॉलेज के सहायक टीएनबी कॉलेज के एसओ कैसे बने
संगठन के प्रक्षेत्रीय मंत्री सुशील मंडल ने बताया कि 2006 के रोस्टर के अनुसार एसओ अमरेंद्र झा जेआरएस कॉलेज में सहायक पद पर कार्यरत थे. लेकिन वह टीएनबी कॉलेज में जमे हैं. प्रोन्नति मिलने पर श्री झा जेआरएस कॉलेज के प्रशाखा पदाधिकारी होते. लेकिन विवि ने कैसे टीएनबी कॉलेज में पदस्थापित कर दिया. जबकि प्रोन्नति मिलने के बाद एसएम कॉलेज के कर्मचारी अजय शर्मा को एसएसवी कॉलेज कहलगांव के प्रशाखा पदाधिकारी के रूप में भेजा गया है.
जमुई कॉलेज से टीएनबी कॉलेज कैसे आये सुशील मंडल
संगठन के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र झा ने बताया कि कर्मचारियों को मिली प्रोन्नति में गड़बड़ी को लेकर हाय तौबा कर रहे लोगों को सही जानकारी ही नहीं है. जिन लोगों पर आरोप लगाया जा रहा है, वे सभी लोग प्रोन्नति परीक्षा में शामिल हुए थे. उन्होंने बताया कि जो आरोप उनके ऊपर लगाये जा रहे हैं, सरासर गलत हैं. राजभवन व हाइकोर्ट के आदेश के बाद 14 लोगों को सरकार के रोस्टर से अलग रखा गया था. इसी आधार पर उनलोगों ने टीएनबी कॉलेज में योगदान दिया.
लेकिन सुशील मंडल को कुलपति से अभद्र व्यवहार किये जाने के मामले में जमुई कॉलेज भेज दिया गया था. विवि ने निर्देश दिया था कि किसी हालत में भी श्री मंडल टीएनबी कॉलेज में सेवा नहीं दे पायेंगे. जमुई कॉलेज में ही रहना होगा. श्री मंडल आज टीएनबी कॉलेज में कैसे काम कर रहे हैं.
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