विष्णु योगनिद्रा में जायेंगे और शिव जगेंगे समाधि से
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कल से चार माह तक बंद हो जायेगी शहनाई की गूंज
विष्णु योगनिद्रा में जायेंगे और शिव जगेंगे समाधि से भागलपुर : चार जुलाई को हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो रहा है. इसके साथ ही हिंदू धर्मावलंबियों के धर्म-कर्म में गति आयेगी, लेकिन देवशयनी एकादशी के बाद चार माह तक मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे. कल से चातुर्मास शुरू, धर्म-कर्म का बढ़ेगा कार्य : चातुर्मास में […]
भागलपुर : चार जुलाई को हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो रहा है. इसके साथ ही हिंदू धर्मावलंबियों के धर्म-कर्म में गति आयेगी, लेकिन देवशयनी एकादशी के बाद चार माह तक मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे. कल से चातुर्मास शुरू, धर्म-कर्म का बढ़ेगा कार्य : चातुर्मास में हरि प्रबोधनी एकादशी कार्तिक महीने के देवोत्थान तक भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की शय्या पर योग निंद्रा में चले जाते हैं और देवाधिदेव भगवान शंकर समाधि से जगते हैं. मिथिला पंचांग व काशी के चौखंभा प्रकाशन की प्रमाणित धार्मिक पुस्तक ‘व्रत-त्योहार’ के मुताबिक यह विष्णु की सामान्य निंद्रा नहीं होती,
बल्कि योगनिद्रा के अंत:स्थल में जाकर नवीन जागरण की प्रक्रिया होती है.
ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि इस चार माह में सृष्टि का संचालन महादेव स्वयं करते हैं. ईश्वर की कृपा से वर्षा काल होने से यह महीना अन्नदाता किसानों को भी प्रिय होता है. भगवान शिव की साक्षात कृपा के लिए भक्तगण मनोयोग से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. शिव भी अपने भक्तों पर नजर रखते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, उन्हें अभयदान देते हैं. इस चार माह के बीतने के बाद जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से बाहर आते हैं, तब शिव फिर से समाधि में चले जाते हैं.
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