भागलपुर : बीएड कॉलेजों को भी नैक मूल्यांकन के तर्ज पर क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) से मूल्यांकन कराना अनिवार्य होगा. इसका मुख्य उद्देश्य अकादमिक स्तर पर शिक्षा में गुणवत्ता लाना है. इसे लेकर गुरुवार को पटना में एनसीटीइ के चेयरमैन की अध्यक्षता में भागलपुर जिले के बीएड कॉलेज सहित राज्य भर के बीएड कॉलेज के प्राचार्यों की बैठक हुई. इसमें बीएड कॉलेजों से शिक्षा में गुणवत्ता लाने पर जोर दिया गया. विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के डीन डॉ राकेश कुमार ने बताया कि एनसीटीइ से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेजों को अब क्यूसीआइ से मूल्यांकन कराना अनिवार्य किया गया है.
यदि मूल्यांकन के दौरान कॉलेजों को सी व डी रैंक मिलता है, उन कॉलेजों को 12 माह के अंदर अपने खामियों को दूर करने होंगे. ऐसा नहीं होने पर उन कॉलेजों की मान्यता एनसीटीइ रद्द कर सकता है. उन्होंने बताया कि एनसीटीइ ने निर्देश जारी कर बीएड कॉलेजों से कहा कि 70 फीसदी फोकस कॉलेज के अकादमिक में सुधार करना है. यहां पढ़ाई करने वाले छात्र अच्छे शिक्षक बन सकें. छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानक के अनुरूप नियुक्त करें. उन्होंने बताया कि क्यूसीआइ से मूल्यांकन के बाद उपलब्ध संसाधन व पढ़ाई की गुणवत्ता की जांच हो पायेगी. ससे कॉलेजों का स्तर तय हो पायेगा.