बाढ़ से बचाव के लिए पदाधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
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बाढ़ से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने कसी कमर
बाढ़ से बचाव के लिए पदाधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण एसओपी का पालन करने का डीएम ने दिया निर्देश बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नदी-पानी का जिला है. बेगूसराय से होकर गंगा, बलान व बूढ़ी गंडक तथा बागमती नदी का धारा बहती है. इससे बाढ़ की संभावना भी बनी रहती है. संभावित बाढ़ 2016 से निबटने […]
एसओपी का पालन करने का डीएम ने दिया निर्देश
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नदी-पानी का जिला है. बेगूसराय से होकर गंगा, बलान व बूढ़ी गंडक तथा बागमती नदी का धारा बहती है. इससे बाढ़ की संभावना भी बनी रहती है. संभावित बाढ़ 2016 से निबटने के लिए जिला प्रशासन से अपनी कमर कस ली है. जिला प्रशासन लगातार आपदा विभाग की बैठक कर तटबंधों की सुरक्षा का अद्यतन रिपोर्ट ले रहा है.
बाढ़ से बचाव के लिए पदाधिकारियों को दिये टिप्स : जिलाधिकारी मो नौशाद युसूफ ने पदाधिकारियों को बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का अक्षरश: अनुपालन करने को कहा है. वे आज समाहरणालय स्थित कारगिल विजय सभा भवन में संभावित बाढ़ 2016 की पूर्व तैयारियों के संबंध में जिला स्तरीय प्रशिक्षण सत्र में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.
इसमें अनुमंडलाधिकारियों, अंचलाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों, थानाध्यक्षों, जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं अन्य को बाढ़ से बचाव के लिए बताया गया. डीएम मो युसूफ ने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कौशल में वृद्धि करना एवं नवीन तकनीकों तथा उपायों से अवगत होना है. इससे त्वरित, सार्थक, त्रुटिरहित एवं प्रभावकारी आपदा प्रबंधन सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि बेगूसराय जिला बिहार के 15 अति बाढ़ प्रवण जिले में आता है.
अत: बाढ़ आने के पूर्व की तैयारियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. विभिन्न विभागों यथा कृषि, स्वास्थ्य, बाढ़, नियंत्रण, परिवहन, दूरसंचार, पेयजल, पथ निर्माण, विद्युत आपूर्ति, पशुपालन, खाद्य निगम इत्यादि को आपस में समन्वय कर समयबद्ध ढ़ंग से एवं सार्थक कार्रवाई करनी होगी.
तटबंधों पर रहेंगे जूनियर इंजीनियर व होमगार्ड के जवान तैनात : इस कार्यक्रम में सर्वव्यापी जनसहयोग शिक्षा सेवा संस्थान के द्वारा बाढ़ से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गयी. टीम में कमांडेंट, एसडीआरएफ ने सभी पदाधिकारियों को बाढ़ की स्थिति से आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया.
इस अवसर पर डीएम मो युसूफ ने कहा कि आपदा से निबटने को जिला प्रशासन संवेदनशील एवं सक्रिय है. उन्होंने कहा कि नदियों में जलस्तर की वृद्धि एवं वर्षापात की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है. जिले के सभी 18 प्रखंडों में 18 वर्षा मापक यंत्र क्रियाशील है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुंचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए प्रति किलोमीटर पर बाढ़ राहत कार्य में दक्ष गृहरक्षक की प्रतिनियुक्ति की गयी है. ये गृहरक्षक बांध पर लगातार तैनात रहेंगे.
बाढ़ प्रमंडल के द्वारा प्रति पांच किलोमीटर पर एक कनीय अभियंता की प्रतिनियुक्ति की गयी है. डीएम ने जिला आपदा प्रबंधन तंत्र को सदैव, सक्रिय, सजग एवं तत्पर रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी प्रखंडों में बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने का निर्देश दिया .
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