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पीड़ित परिवार के क्रंदन व कोलाहल से घंटों मची रही अफरा-तफरी

बेगूसराय(नगर) : जिले के शाम्हो प्रखंड का बिंदटोली गांव अचानक राख होकर श्मसान व सुनसान हो जायेगा, यह किसी को पता नहीं था. अचानक गांव में अफरा-तफरी का माहौल और लोगों के बीच मचा कोहराम लोगों को समझ में नहीं आया कि आखिर क्या घटना हो गयी है. जब लोग गांव के नजदीक पहुंचे, तो […]

बेगूसराय(नगर) : जिले के शाम्हो प्रखंड का बिंदटोली गांव अचानक राख होकर श्मसान व सुनसान हो जायेगा, यह किसी को पता नहीं था. अचानक गांव में अफरा-तफरी का माहौल और लोगों के बीच मचा कोहराम लोगों को समझ में नहीं आया कि आखिर क्या घटना हो गयी है. जब लोग गांव के नजदीक पहुंचे, तो पता चला कि अग्नि देवता ने एक बार फिर शाम्हो प्रखंड के इस मजदूर व किसानवाले गांव को अपने आगोश में लेकर सैकड़ों परिवार को बेघर कर दिया है.

यह बदकिस्मती ही कहा जाये कि शाम्हो प्रखंड का यह इलाका प्रतिवर्ष अग्निकांड की चपेट में आकर अपना सब कुछ गंवा बैठता है. गांव के लोग किसी तरह से अपना आशियाना खड़ा ही करते हैं कि अग्नि का कोहराम फिर से शुरू हो जाता है.

आग ने धारण किया विनाशकारी रूप :शाम्हो के इस टोले में आग देखते- ही- देखते विकराल रूप धारण कर लिया. बताया जाता है कि रामसेवक यादव के घर से निकली आग की चिनगारी ने चंद मिनटों में ही अपना उग्र रूप दिखाना शुरू कर दिया. जब तक आस-पास के लोग कुछ समझ पाते, तब तक अाग ने काफी विकराल रूप धारण कर लिया. बताया जाता है कि खेत व खलिहान में काम कर रहे किसान व मजदूर जब तक दौड़ कर घटनास्थल पर पहुंचे और आग को काबू पाने का प्रयास किया, तब तक आग ने काफी कुछ अपने आगोश में कर चुका था. अपनी नजरों के सामने अपने आशियाने को जलते हुए देख कर लोग दहाड़ मारने लगे. बताया जाता है कि इस अग्निकांड की घटना में एक करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है. कई लोगों के घर में रखा हुआ नकदी रुपया, कीमती गहना व कपड़ा के अलावे अन्य सामान जल कर राख हो गया.
शाम्हो प्रखंड में अपना हाथ जगन्नाथ बना एकमात्र सहारा :जिले के शाम्हो प्रखंड में अपना हाथ जगन्नाथ वाली कहावत चरितार्थ होता है. भीषण अग्निकांड की घटना के बाद लोग घंटों पंपसेट व चापाकल के पानी से आग को काबू पाने के लिए वर्षों से जूझते आये हैं लेकिन अब तक अग्निकांड से निजात पाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था यहां तक नहीं हो पायी है. काफी प्रयास के बाद शाम्हो थाने को एक मिनी दमकल नसीब हो पाया है. जो भीषण अग्निकांड की घटना में ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन वाली कहावत चरितार्थ होती है. यहां के लोग लगातार शासन व प्रशासन से कम- से- कम एक बड़ा दमकल उपलब्ध कराने की मांग करते आ रहे हैं. कई बार इस दिशा में आवाज भी बुलंद की गयी लेकिन अब तक इसकी व्यवस्था नहीं हो पायी है. अग्निकांड की घटना होने के बाद प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की गाड़ियां कई दिनों तक दौड़ती रहती है लेकिन घटना के पूर्व इन लोगों के द्वारा यह पहल नहीं की जाती है कि शाम्हो जैसे सुदूर गांव में रहनेवाले लोगों के लिए संपूर्ण व्यवस्था कर दी जाये ताकि किसी प्रकार की अनहोनी की स्थिति में यहां के लोगों को निजात मिल सके.
पीड़ितों के क्रंदन से दहल उठा इलाका :शाम्हो प्रखंड की बिंदटोली में भीषण अग्निकांड की घटना के बाद हजारों की भीड़ जमा हो गयी. चारों तरफ से घटनास्थल पर पहुंचे लोगों ने सहयोग कर आग पर काबू पाया. यहां तक कि कई लोगों ने तो अपनी जान की परवाह किये बगैर घंटों आग से जूझते रहे. इसी का नतीजा हुआ कि कई लोग आग से झुलस कर घायल भी हो गये. घटनास्थल पर सबसे अधिक महिलाओं में कोहराम मचा था. चारों तरफ चीख व पुकार से पूरा वातावरण गमगीन हो गया. इस घटना में कई परिवार अपने घर में शुभ लगन के लिए सामान की खरीदारी कर रखी थी. जो चंद मिनटों में ही राख में उक्त सामान तबदील होकर उनके अरमानों पर पानी फेर दिया.
होली की खुशी चंद मिनटों में ही मातम में बदली : इस अग्निकांड ने सौ से अधिक परिवारों की होली की खुशी को मातम में तबदील कर दिया है. बताया जाता है कि इन परिवारों के द्वारा होली पर्व को लेकर बाजार से खरीदारी कर घर में सामान को लाया गया था. उन्हें यह पता नहीं था कि इस बार उनकी होली फीकी रहेगी. आज स्थिति यह है कि सौ से अधिक परिवार अपने आशियाना समेत अन्य सामान को खोकर खुले आसमान में रहने को विवश हो गये हैं.

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