छठ घाटों पर गंदगी का अंबारकुव्यवस्था. घाटों की सफाई व रोशनी के लिए प्रशासनिक तैयारी शुरू नहीं होने से लोग चिंतित10 से 15 हजार की संख्या में जुटते हैं छठव्रतीतसवीर- छठ घाट का नजारा.तसवीर-1तसवीर-प्रतिक्रिया देने वालों की तसवीर.बेगूसराय/भगवानपुर. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व को लेकर लोगों में चहल-पहल शुरू हो गयी है. छठव्रती पूजा की तैयारी में जुट गये हैं. बाजारों में भी व्यवसायियों के द्वारा छठ पूजा के लिए प्रयोग में आनेवाले सामानों का स्टॉक किया जा रहा है. छठ के लिए सबसे प्रमुख बांस के बने सूप की खरीदारी जोरों पर है. गांव हो या शहर हर जगहों पर लोग पूजा के लिए सूप व डलिया खरीद कर घर ले जा रहे हैं. वहीं, बाजारों में छठ पूजा के दौरान सबसे अधिक मात्रा में बिकनेवाली नारियल का स्टॉक किया जा रहा है. बाजारों में कई जगहों पर उसकी बिक्री भी शुरू हो गयी है. छठ पूजा को लेकर बाजारों में भले ही चहल-पहल बढ़ गयी हो, लेकिन अभी तक अधिकतर घाटों, तालाबों की साफ-सफाई का काम शुरू नहीं हो पाया है. नतीजा यह है कि भगवान भास्कर की पूजा कर अर्घ समर्पित करने को लेकर छठव्रतियों में चिंता व्याप्त है. जिले के विभिन्न भागों में जिन घाटों पर व्रती भगवान भास्कर को अर्घ समर्पित करते हैं, वहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हालांकि घाटों की साफ-सफाई को लेकर प्रखंडों के संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है, लेकिन इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं होने से लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है.10-15 हजार लोग पहुंचते हैंजिले के भगवानपुर प्रखंड के रसलपुर पंचायत के दहिया राजघाट, भगवानपुर बलान नदी के कोठी घाट सहित अन्य घाटों पर लगभग 10 से 15 हजार लोग पहुंचते हैं, लेकिन इन घाटों पर गंदगी को हटाने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है.क्या कहते हैं लोगलोक आस्था का महापर्व छठ पवित्रता का पर्व है. इस पर्व में घाटों पर जनसैलाब उमड़ता है. इसके मद्देनजर घाटों की बेहतर सफाई, प्रकाश, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था जरूरी है, ताकि आनेवाले छठव्रती व श्रद्धालुओं को परेशानी न हो.सुजय झा, दहिया, भगवानपुरछठ जैसे महापर्व पर साफ-सफाई में कोताही नहीं बरतनी चाहिए. इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना चाहिए. अभी तक सफाई को लेकर किसी प्रकार की सुगबुगाहट नहीं होना चिंता का विषय है.राकेश मुन्ना, भगवानपुरछठव्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसे ध्यान में रखते हुए समय रहते घाटों पर मुकम्मल व्यवस्था प्रशासनिक रूप से हो जानी चाहिए. इस पर्व के दौरान काफी नियम व निष्ठा बरती जाती है. प्रशासन के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों को भी बढ़-चढ़ कर आगे आना चाहिए.मनोरमा देवी, दहिया, भगवानपुरयह पर्व हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. इसलिए प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से घाटों की सफाई के लिए अभियान चलाना चाहिए. छठ घाटों पर नाव, रोशनी, चौकीदार की भी तैनाती होनी चाहिए.मरजी महतो, भगवानपुरछठ में घाटों की सफाई व अन्य कार्य सीओ के अंदर है. छठ का समय नजदीक आ गया है. इस दिशा में मैं भी अपने स्तर से पहल करता हूं, ताकि समय रहते छठ घाटों की साफ-सफाई का कार्य पूरा हो सके.रविरंजन, बीडीओ, भगवानपुर प्रखंड
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छठ घाटों पर गंदगी का अंबार
छठ घाटों पर गंदगी का अंबारकुव्यवस्था. घाटों की सफाई व रोशनी के लिए प्रशासनिक तैयारी शुरू नहीं होने से लोग चिंतित10 से 15 हजार की संख्या में जुटते हैं छठव्रतीतसवीर- छठ घाट का नजारा.तसवीर-1तसवीर-प्रतिक्रिया देने वालों की तसवीर.बेगूसराय/भगवानपुर. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व को लेकर लोगों में चहल-पहल शुरू हो गयी है. छठव्रती पूजा […]
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