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दुग्ध सेंटर पर पहुंचते ही शुरू हो जाता है वोट का किस्सा

प्रत्याशियों की छवि, दल का टिकट बांटने में हाइ वोल्टेज ड्रामा व जीत-हार को लेकर जम कर चलता है वाद-विवाद बेगूसराय/मटिहानी : विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार 10 अक्तूबर को समाप्त हो जायेगा. ऐसे में अब महज पांच दिन ही शेष रह गये हैं. इस परिस्थिति में गांव की […]

प्रत्याशियों की छवि, दल का टिकट बांटने में हाइ वोल्टेज ड्रामा व जीत-हार को लेकर जम कर चलता है वाद-विवाद

बेगूसराय/मटिहानी : विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार 10 अक्तूबर को समाप्त हो जायेगा. ऐसे में अब महज पांच दिन ही शेष रह गये हैं.
इस परिस्थिति में गांव की चौपालों में चुनावी चर्चाओं का भी रेस पकड़ना स्वाभाविक है. अहले सुबह से लेकर देर रात तक चाय-पान की दुकान, दुग्ध सेंटर, सार्वजनिक स्थल, मंदिर-मसजिद हर जगहों पर बस एक ही चर्चा इस बार के चुनाव में क्या होगा.
किसे वोट मिलना चाहिए, कौन जितेगा, पार्टी ने टिकट देने में कहां गलती की, बागी प्रत्याशियों से किस प्रत्याशी को कितना नुकसान होगा. इसको लेकर वाकयुद्ध इन जगहों पर छिड़ जाता है़ नतीजा है कि इस पर घंटों बहस होती है.
कई जगहों पर तो गरमा-गरम बहस भी हो जाती है. जो बाद में शांत होता है. चुनाव महापर्व है. इसको लेकर हर जगहों पर उत्साह का वातावरण देखने को मिलता है. चौपालों में यह चर्चा खूब होती है कि अमुख विधानसभा चुनाव में पार्टी ने समर्पित व्यक्ति को टिकट न देकर काफी गलती की है वहीं विरोधी पार्टी के लोग यहां तक चौपाल में कह बैठते हैं कि बिना लक्ष्मी की सौगात थमाये पार्टी कहां टिकट देती है.
तो कुछ लोग कहते हैं कि जब तक ऊपर से नीचे तक पकड़ नहीं होगा, तब तक टिकट मिलना मुश्किल है. मटिहानी विधानसभा क्षेत्र की रामदीरी दो पंचायत के महाजी दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति केंद्र पर सुबह-सुबह ही चुनावी चौपाल लग जाता है. लोग बारी-बारी से बाल्टी में दूध लेकर सेंटर पहुंचते हैं और वहां चल रहे चुनावी बहस में अपनी बात भी रखने के लिए देर तक दूध की बाल्टी हाथ में लिए खड़े रहते हैं.
अपने पक्ष की बात सुनते नहीं देख कई कार्यकर्ता अपनी-अपनी जीत का दावा जोर-जोर से करने लगते हैं. समिति पर दूध का नाप ले रहे निरंजन कुमार बार-बार शांत होने के लिए कह रहे हैं. आज सबेरे-सबेरे भाजपा में विश्वास रखनेवाले प्रह्लाद सिंह कह रहे हैं कि इस बार मटिहानी में परिवर्तन होगा.
जदयू के विपिन सिंह भी इसी बीच आ पहुंचे हैं, वो भी अपनी जीत पक्की मान कर चुनावी चौपाल में बहस शुरू कर देते हैं. उनका कहना है कि लोगों को विकास चाहिए वादा नहीं. भाकपा के समर्थित कार्यकर्ता रामप्रवेश सिंह बहुत देर तक चुपचाप खामोश ये मौका देखते ही बोल उठे कि इस बार मटिहानी में लाल झंडे की वापसी है.
चुनावी चौपाल में आते-जाते हर कोई अपनी बात रखना चाह रहा है. इसी बीच हाथ में दूध की बाल्टी लेकर एक महिला भी केंद्र पर आ पहुंची है. वह आंचल मुंह फंसाये बोल पड़ी कोय जितला के बाद देखैयो ले नैय आबै छेय.

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