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दोहरी मार ङोल रहे किसान
फसलों की क्षति के अनुसार नहीं किया गया आकलन किसानों में है घोर निराशा कई क्षेत्रों में किसान हैं आंदोलन के मूड में बेगूसराय(नगर) : ऐसे तो सूबे के कई जिले के किसान इस बार प्राकृतिक प्रकोप से जूझ रहे हैं, लेकिन जिले के किसानों को दोहरी समस्या का मार ङोलना पड़ रहा है. बेगूसराय […]
फसलों की क्षति के अनुसार नहीं किया गया आकलन
किसानों में है घोर निराशा
कई क्षेत्रों में किसान हैं आंदोलन के मूड में
बेगूसराय(नगर) : ऐसे तो सूबे के कई जिले के किसान इस बार प्राकृतिक प्रकोप से जूझ रहे हैं, लेकिन जिले के किसानों को दोहरी समस्या का मार ङोलना पड़ रहा है. बेगूसराय जिले के किसानों को मौसम की मार तो पड़ी ही, साथ-ही-साथ जिले के अधिकारियों के द्वारा भी अनदेखी की जा रही है.
इससे किसान चिंतित तो हैं ही, कई क्षेत्रों में किसानों के द्वारा आंदोलन भी शुरू कर दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले के किसानों को प्राकृतिक आपदा के तहत जो क्षति हुई है उसका सही आकलन कर सरकार के द्वारा उपलब्ध करायी गयी फसल क्षतिपूर्ति राशि वितरण करने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है.
जिले में दो अरब, 38 करोड़ की गेहूं फसल की हुई है क्षति : बेगूसराय जिले में रबी वर्ष 2013-15 में किसानों को कुल 2 अरब, 38 करोड़ की गेहूं फसल की क्षति हुई है. कृषक जागरण मंच के द्वारा पूर्व में भी 20 अप्रैल, 15 को जिले के वास्तविक फसल क्षति की सूचना दी गयी थी, परंतु उसे भी अनदेखी की गयी है. उसी के अनुकूल बेगूसराय जिले में मात्र 64.84 करोड़ की क्षति का आकलन दरसाया गया है.
किसानों के बीच सिंचित व असिंचित जमीन की चर्चा की गयी :सिंचित और असिंचित जमीन की चर्चा किसानों के बीच की गयी है. गेहूं की कौन सी प्रभेद बेगूसराय जिले में है जो असिंचित प्रभेद है.
बेगूसराय जिले में कुल बोआई योग्य भूमि एक लाख 30 हजार हेक्टेयर है. जिले में पुराने आंकड़ों के हिसाब से ही देखा जा सकता है कि कुल निजी नलकूप एवं अन्य करीब 60675 की संख्या में है. बेगूसराय जिला कृषि एवं अन्य पदाधिकारी से विगत 15 वर्षो में एमएसटीपी या अन्य स्नेत से जिले में कितनी ओरिंग और पंपसेट अनुदान पर दिया गया. जांच की जा सकती है. कृषक जागरण मंच का मानना है कि बेगूसराय ऐसी उर्वरा मिट्टीवाले जिले में असिंचित का प्रश्न ही नहीं है.
कृषक जागरण मंच के महामंत्री विश्वंभर मिश्र ने सरकार से बेगूसराय जिले को रबी वर्ष 2013-14 में गेहूं क्षति हेतु मुआवजा के तौर पर दो अरब, 38 करोड़ की राशि उपलब्ध कराने, किसानों का सिंचित एवं असिंचित का मुआवजा दर एक होने, जिस किसान के द्वारा खेती की गयी, उसे मुआवजा देने, कुल फसल ऋण माफ करने, प्रखंड व प्रत्येक पंचायत में कैंप लगा कर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के समक्ष वास्तविक किसानों को ही मुआवजा देने की मांग की है.
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