तसवीर- मिर्च की खेती का नजारातसवीर-12लाखो . कृषि को उन्नत कर क्षेत्र में खुशहाली लायी जा सकती है. तकनीकी ढंग से खेती कर क्षेत्र से मजदूरों का छीजन रोका जा सकता है. उक्त बातें सदर प्रखंड के देव कृषि फॉर्म के एग्रोनोमिस्ट शिव प्रकाश कुशवाहा ने कहीं. उन्होंने कहा कि किसानों को उत्साहित कर 1.88 एकड़ में मिर्च की खेती करवायी जा रही है. यह खेती ड्रीप एरिगेशन विधि के द्वारा पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी एवं पंक्ति से पंक्ति की दूरी 120 सेमी रखी गयी है. उक्त क्षेत्रफल की भूमि में लगभग 20 हजार, 888 पौधे लगाये गये हैं. फसल में उगे खर-पतवार को मजदूरों के द्वारा निकौनी के माध्यम से निकाला जा रहा है. भूमि की क्षारियता एवं उसके पीएच मान के मद्देनजर जिप्सम डाल कर पौधों की रोपनी की गयी है. प्रत्येक पौधे के जड़ तक पाइप बिछा कर उसके माध्यम से घुलनशील उर्वरक एवं पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जा रहा है. पौधों को फंगी साइट एवं एंसेक्टी साइट का छिड़काव किया जा रहा है. किसान राजेश अग्रवाल एवं सौरव कुमार ने बताया कि मिर्च की इस खेती में लगभग ढाई लाख के अनुमानित खर्च हो सकते हैं. फसल की उपज के बाद लगभग 8 लाख की आमदनी होने के आसार हैं. उन्होंने कहा कि देव कृषि फॉर्म का उद्देश्य है कि ड्रिप एरिगेशन विधि को अपना कर यहां के किसान क्षेत्र की गरीबी दूर कर सकते हैं.
कृषि को उन्नत कर लायी जा सकती है खुशहाली
तसवीर- मिर्च की खेती का नजारातसवीर-12लाखो . कृषि को उन्नत कर क्षेत्र में खुशहाली लायी जा सकती है. तकनीकी ढंग से खेती कर क्षेत्र से मजदूरों का छीजन रोका जा सकता है. उक्त बातें सदर प्रखंड के देव कृषि फॉर्म के एग्रोनोमिस्ट शिव प्रकाश कुशवाहा ने कहीं. उन्होंने कहा कि किसानों को उत्साहित कर 1.88 […]
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