* इस सरकार में आम लोगों के जान–माल की सुरक्षा संभव नहीं : सुदर्शन
बेगूसराय (नगर) : छपरा की घटना ने बिहार ही नहीं, देश के लोगों को भी झकझोर दिया है. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संवेदना इस घटना के बाद भी जागृत नहीं हुई है.
इस बड़े हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री का घटनास्थल पर नहीं पहुंचना व पीड़ित परिवारों का मातमपुरसी नहीं करना मुख्यमंत्री के तानाशाह रवैये को प्रदर्शित करता है. ये बातें समाहरणालय के समक्ष राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, बेगूसराय द्वारा आयोजित धरने को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष सुदर्शन सिंह ने कहीं.
जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा कि इस सरकार के रहते राज्य में आम लोगों के जान–माल की सुरक्षा व ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा संभव नहीं है. जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से संगठन की मजबूती का आह्वान करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया. जिलाध्यक्ष ने छपरा में मृत स्कूली बच्चों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने, एक–एक आश्रित को सरकारी नौक री देने व बोधगया मंदिर में आतंकी हमले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की.
धरने के बाद जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को स्मारपत्र सौंपा. धरने को जिला किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कुमार अनिल, मो बादशाह, मधुसूदन महतो, मो लुकमान, त्रिवेणी महतो, चंद्रशेखर पासवान, मीनू झा, रूबी झा, पिंकी देवी, निकुंज झा, आनंद कुमार, श्याम बिहारी वर्मा, राम शोभा प्रकाश, राम कुमार महतो, रामविलास चौधरी तरुण, विश्वजीत पासवान, मोहन महतो, विजय कुमार पासवान, प्रतीक भारती, शिवनंदन झा, अभिषेक झा, कृष्णमोहन, सुचिंद्र, ललन कुमार महतो, प्रमोद मालाकार सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया.
* छपरा एमडीएम मामले पर सरकार को घेरा
* बोधगया में आतंकी हमले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग
* राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान