बलिया : बलिया से बेगूसराय की ओर जानेवाले राष्ट्रीय उच्च पथ 31 की दोनों तरफ लगाये गये करोड़ों रुपये की लागत से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत पौधों पर खतरे का बादल मंडराने लगा है.
ज्ञात हो कि पटना के बख्तियारपुर से लेकर खगड़िया तक एनएच 31 को फोर लेन सड़क बनाने का प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जिसके तहत बलिया- बेगूसराय के बीच में पनसल्ला ढाला के समीप 10 एकड़ से ज्यादा भूमि पर सड़क बनानेवाली कंपनी का प्लांट बैठाने का काम जोर-शोर से चल रहा है और किसी भी वक्त कंपनी के द्वारा मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये की लागत से लगाये गये पौधों को उखाड़ कर फेंक दिया जायेगा.
सवाल उठता है कि जब एनएच 31 को फोर लेन बनाने की चर्चा पांच वर्ष पूर्व से ही चल रही थी तो एनएच की निजी जमीन पर पंचायत सरकार के द्वारा अपनी-अपनी पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत पड़नेवाले राष्ट्रीय उच्च पथ की खाली जमीन पर कैसे मनरेगा के तहत पौधे लगा दिये गये और लगाने से पूर्व राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग से एनओसी क्यों नहीं लिया गया तथा बेगूसराय में बैठे इसकी जांच क्यों की गयी और आज जब इस करोड़ों रुपये के पौधे पर संकट का बादल मंडराने लगा तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा.
इसका जवाब देने के लिए आज ना तो मुखिया लोग तैयार हैं और न ही प्रशासन के पदाधिकारी. राष्ट्रीय उच्च पथ से पूर्व भी रेल विभाग ने रेलवे लाइन के दोहरीकरण के वक्त मनरेगा के तहत रेलवे की जमीन पर लगाये गये करोड़ों रुपये के पौधे को उखाड़ कर फैंक चुकी है और प्रशासन के लोग मूकदर्शक बन कर देखते रह गये थे और अब रेलवे की तरह ही एनएच के बगल में लगाये गये पौधे का हाल होनेवाला है.
* बलिया-बेगूसराय के बीच में पनसल्ला ढाले के समीप 10 एकड़ से ज्यादा भूमि पर सड़क बनानेवाली कंपनी का प्लांट बैठाने का काम शुरू
* किसी भी वक्त करोड़ों की लागत से लगे पौधों को उखाड़ कर फेंक दिया जायेगा