बेगूसराय : भले ही बेगूसराय को औद्योगिक नगरी के नाम से जाता है. लेकिन आये दिन बढ़ती आपराधिक घटनाओं से अपराध की नगरी बनती जा रही है. बेखौफ अपराधियों के तांडव से पूरा जिला दहल गया है. शायद, यही वजह है कि दोहरे, तिहरे व सामूहिक हत्याओं से जिला सुर्खियों में रहा है.
रसलपुर मुखिया सीताराम महतो के दो पुत्र जितेंद्र व रामलाल की हत्या एक बार पुरानी यादें ताजा कर दी. जिले में पहली बार दोहरे हत्याकांड एक जून 2009 को नगर थाना क्षेत्र में चर्चित स्वर्ण व्यवसायी चंदन सोनी एवं कुंदन सोनी की गोली मारकर हत्या हुई थी. 17 अक्तूबर 2014 को भगवानपुर थाना क्षेत्र के बनवारीपुर गांव में गत अपराधियों ने दो बच्चों की हत्या कर शवों को नदी में फेंक दिया था. ये दोनों मासूम गांव के ही रामविलास पासवान के पुत्र मुस्कान राज एवं रामप्रवेश पासवान के पुत्र अभिषेक कुमार था.
वर्ष 2010-11 में मंसूरचक क्षेत्र में स्कार्पियों को रोक कर अपराधियों ने दिनदहाड़े पूर्व मुखिया जगजीत झा व पूर्व जिला पार्षद अरविंद चौधरी की हत्या कर दी. 27 जून 2016 को बेगूसराय नगर थाना क्षेत्र के महमदपुर में प्रोपर्टी डीलर अमित पोद्दार, पत्नी प्रियंका और तीन वर्षीय पुत्र आर्यन की गला रेतकर मौत की नींद सुला दी गयी थी. 23 सितंबर 2017 को गढ़पुरा थाना के धर्मपुर में दलित दंपति रामचंद्र पासवान व उनकी पत्नी सुदामा देवी की अपराधियों ने ईंट-पत्थरों से कूच-कूच कर हत्या कर दी.