बखरी : थाना क्षेत्र के रौता मुसहरी गांव में शनिवार की सुबह अपना खेत जोत कराने पहुंचे किसानों तथा भूमि पर कब्जा जमाये रौता मुसहरी के दलितों के बीच भीषण झड़प हुई. दोनों ओर से लाठी डंडे चले तथा रोड़ेबाजी एवं आगजनी की गयी. घटना के दौरान दोनों ओर से लगभग एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये. पुलिस प्रशासन को मामले को शांत कराने मे घंटों मशक्कत करनी पड़ी. किसान राजेंद्र महतो ने बताया कि रौता मुसहरी के समीप तीन बीघा दस कट्ठे दस धूर जमीन उनके अलावा गांव के स्व हीरालाल सहनी, भुट्टो यादव, नारायण सहनी, रामपड़ी देवी, गोविंद महतो, मो शाहबाज आलम, रामचंद्र यादव,
उषा देवी तथा शोभा देवी आदि की रैयती केबालगी जमीन है. जिस पर वर्षों से उन लोगों का शांतिपूर्ण दखल कब्जा चला आ रहा है. करीब आठ महीना पूर्व गांव के दलितों ने किसी के उकसावे पर उसे गैर मजरु आ भूमि बताकर उसे जोत आबाद करने से रोक दिया. उन लोगों ने भूमि पर कब्जा करते हुए उस पर दो चार झोपडि़यां भी खड़ी कर दी . जब इसका विरोध किया गया तो वे लोग मारपीट पर उतारू हो जाते थे. जबकि फैसला हम लोगों के पक्ष में आ चुका है. बावजूद प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
शनिवार को खेत जोत करवाने गये. इसी क्रम में मांगन सदा के नेतृत्व में गांव के बुढ़े, बच्चे, जवान और महिलाओं ने किसानों पर लाठी डंडे रोड़े-पत्थर से हमला कर दिया. जिसमें मो.शाहबाज आलम, गाजो यादव, बिरजू सहनी, नंदकिशोर यादव समेत कई अन्य लोग घायल हो गये .वहीं दूसरे पक्ष के मांगन सदा का आरोप है कि उक्त भूमि गैर मजरुआ सरकारी भूमि है. जमीन का उपयोग गांव के लोग करते चले आ रहे हैं. घटना के समय उपरोक्त लोग 15 से 20 की संख्या में बाहरी लठैतों के साथ भूमि पर धावा बोल दिया.वे लोग अपने साथ लाये दो ट्रैक्टर से जमीन की जोत कराने लगे. इसी बीच दूसरे पक्ष के लठैतों ने गांव के बच्चे, बूढ़ों व औरतों के साथ बेरहमी से मारपीट करने लगे. भूमि पर बनी झोपडि़यों और जलावनों में आग लगा दी. घटना के समय गांव के अधिकांश गरीब खेतों में धान काटने चले गये थे. पिटाई से सोनिया देवी, गेंदा देवी, लखिया देवी, दुगनी देवी तथा रामउदय सदा की हालत गंभीर बनी है. सूचना के बाद पुलिस प्रशासन घटनास्थल पर पहुंची और लोगों को शांत कराया .