भक्ति पर्व में शामिल होने के लिए पहुंचने लगे हैं कल्पवासियों के परिजन
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पर्णकुटीर में भी छठ की तैयारी
भक्ति पर्व में शामिल होने के लिए पहुंचने लगे हैं कल्पवासियों के परिजन बेगूसराय : लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व के नहाय-खाय के साथ शुरू होते ही लोगों की भक्ति परवान पर देखी जा रही है. इस पर्व में स्वच्छता, नियम-निष्ठा का विशेष ख्याल रखा जाता है. चार दिनों के इस पर्व में कहीं […]
बेगूसराय : लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व के नहाय-खाय के साथ शुरू होते ही लोगों की भक्ति परवान पर देखी जा रही है. इस पर्व में स्वच्छता, नियम-निष्ठा का विशेष ख्याल रखा जाता है. चार दिनों के इस पर्व में कहीं से भी लोग चूक नहीं होने का ख्याल रखते हैं. आस्था के इस पर्व को लेकर सिमरिया गंगा घाट की छटा इन दिनों देखते ही बन रही है. गंगा के किनारे बालू के ढेर पर पर्णकुटीर बनाकर गंगा सेवन व पूजन कर रहे हजारों व्रती छठ के समय में गंगा किनारे ही पूजन करते हैं. जिसको लेकर उत्साह न सिर्फ चरम पर है वरन कल्पवासियों के परिजन छठ की छटा में शरीक होने के लिए सिमरिया धाम पहुंचने लगे हैं.
कल्पवासियों में छठ पर्व को लेकर देखा जा रहा है उत्साह:सिमरिया धाम में एक माह तक गंगा सेवन कर रहे कल्पवासियों में इस छठ महापर्व को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. प्रत्येक पर्णकुटीर में छठ महाव्रत की तैयारी हो रही है. जहां गंगा सेवन करने वाले के परिजन इस मौके पर सपरिवार पहुंच कर गंगा घाट पर अर्घ देते हैं. दरभंगा जिले की सुभद्रा देवी जो पिछले 30 वर्षों से सिमरिया में आकर एक माह तक कल्पवास करती हैं उन्होंने बताया कि छठ के मौके पर इसी पर्णकुटीर में पूजा करते हैं जहां पूरा परिवार इसमें शामिल होता है. उस समय बड़ा ही आनंद का अनुभव होता है जब पूरे परिवार केे साथ गंगा घाट पर अर्घ देते हैं. इसी तरह से कई कल्पवासी ऐसे हैं जिनका परिवार दूर-दूर से इस मौके पर पहुंच कर संध्याकालीन एवं उदीयमान सूर्य को अर्घ देतेे हैं.
खरना को लेकर दूध की व्यवस्था में जुटे व्रती : महापर्व छठ में खरना की अहम स्थान है. इसको लेकर सिमरिया गंगा घाट पर छठ करने वाले व्रतियों के द्वारा दूध उपलब्ध कराने की तैयारी में जुट गये हैं. हालांकि मेला क्षेत्र में खरना को लेकर दूध बिक्री के स्टॉल भी लगाये गये हैं. इसके अलावा खरना के दिन कई संगठनों के लोग खरना के लिए व्रतियों को नि:शुल्क दूध भी उपलब्ध कराते रहे हैं.
गंगा किनारे छठ पूजन का है अलग महत्व:लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व अगर गंगा के किनारे संपन्न हो तो इसे व्रती अपना सुखद संयोग मानते हैं. मधुबनी से आकर प्रतिवर्ष छठ करने वाली व्रती पार्वती देवी कहती हैं कि मां गंगा की असीम कृपा जिस पर होती है वही व्यक्ति यहां तक आकर भगवान भास्कर की राधना करते हैं. उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान जितने भी सगे-संबंधी हैं सभी यहां तक पहुंच कर भगवान भास्कर की राधना करते हैं.
पर्ण कुटीर से निकल रही छठ गीतों की गूंज
सिमरिया धाम में लगभग पांच किलोमीटर तक गंगा किनारे बने कल्पवासियों के पर्णकुटीर में अधिकांश जगहों पर छठ पूजा का आयोजन हो रहा है. पर्णकुटीर से निकल रही छठ गीतों की गूंज आने वाले लोगों को भाव विभोर कर रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसे तो पूरे कार्तिक माह में सिमरिया धाम की छटा देखते ही बनती है लेकिन लोक आस्था के इस चार दिनों के महापर्व का कुछ अलग ही महत्व है.
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