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सिमरिया गंगा धाम में लहरा रहा अध्यात्म का परचम
कल्पवास की संस्कृति 6 से 17 नवम्बर तक चलेगी बरौनी (नगर) : मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विख्यात सिमरिया के उत्तरायणी गंगा तट पर प्रत्येक वर्ष सवा माह तक लगने वाले कल्पवास मेले में धर्म व अध्यात्म का परचम लहरा रहा है. इस वर्ष कल्पवास की संस्कृति 6 अक्तूबर से शुरू होकर 17 […]
कल्पवास की संस्कृति 6 से 17 नवम्बर तक चलेगी
बरौनी (नगर) : मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विख्यात सिमरिया के उत्तरायणी गंगा तट पर प्रत्येक वर्ष सवा माह तक लगने वाले कल्पवास मेले में धर्म व अध्यात्म का परचम लहरा रहा है. इस वर्ष कल्पवास की संस्कृति 6 अक्तूबर से शुरू होकर 17 नवम्बर तक चलेगी.
ऐसे तो सिमरिया धाम प्राचीन काल से ही विविध योगों में गंगा स्नान तथा कल्पवास के लिए प्रसिद्ध रहा है. कार्तिक माह में सिमरिया में एक बार फिर मंदिर की घंटियां,शंखों की गूंज और आरती के शब्दों के संग हवनादि से उठता धुंआ वातावरण को सुवासित करने लगा है.पूरा सिमरिया का गंगा तट तपोभूमि सदृश दिखता है.वहीं इस वर्ष राष्ट्रीयता का मूल पर्व द्वादश कुंभ के आयोजन से सिमरिया की महत्ता देश व दुनिया में प्रसिद्धि पा रहा है.
सिमरिया का है पौराणिक महत्व : धार्मिक आचार्याें के अनुसार तीर्थराज प्रयाग में जो पौराणिक महत्व संगम घाट का है, वाराणसी में दशाश्वमेघ घाट का है,वही महत्व मिथिला में गंगा नदी स्थित सिमरिया धाम का है.
यूं तो सिमरिया धाम प्राचीन काल से ही विविध योगों में गंगा स्नान के लिये प्रसिद्ध रहा है.यहां प्रति वर्ष कार्तिक महीना में पारंपरिक रूप से कल्पवास मास मेला का विधान है. जिसमें बिहार के अलावा अन्य राज्यों एवं नेपाल से श्रद्धालु यहां आकर गंगा सेवन, जप-तप व धार्मिक अनुष्ठान यज्ञादि संपन्न करते हैं. मास मेला की यह परंपरा अमृत वितरण काल से ही प्रचलित है. क्योंकि मिथिला नरेश राजा जनक भी यहां आकर कल्पवास किया करते थे.
बरौनी. काशी के विद्वान पंडितों के द्वारा सिमरिया के गंगा तट पर महाआरती का भव्य प्रस्तुति देखने के लिए श्रद्धालुओं व कल्पवासियों की भीड़ उमड़ती जा रही है. वाराणसी के शीतलाघाट गंगोत्री सेवा समिति से आये भीष्म सुवेदी,निर्भय शंकर दूबे,दीप नारायण मिश्रा,राममणि शर्मा,पंकज शास्त्री द्वारा मां गंगे की सात प्रकार से अलग-अलग आरती व पूजा-अर्चना की जाती है.अब तक जिला प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा,बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय,भागलपुर प्रक्षेत्र के डीआइजी विकास वैभव सहित अनेक गण्यमान्य मुख्य यजमान के रूप में महाआरती में शामिल हो चुके हैं.
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