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शराब जब्ती के 10 मामलों का कराया जायेगा स्पीडी ट्रायल

कार्रवाई. पुलिस अधीक्षक को जारी किया गया है निर्देश बेगूसराय : शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक और सख्त कदम उठाया है. सूबे में शराबबंदी के बाद शराब जब्ती के 10 बड़े मामलों का जिला पुलिस स्पीडी ट्रायल करायेगी. इस मुहिम को मुकाम तक पहुंचाने के लिए अपराध अनुसंधान विभाग […]

कार्रवाई. पुलिस अधीक्षक को जारी किया गया है निर्देश

बेगूसराय : शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक और सख्त कदम उठाया है. सूबे में शराबबंदी के बाद शराब जब्ती के 10 बड़े मामलों का जिला पुलिस स्पीडी ट्रायल करायेगी. इस मुहिम को मुकाम तक पहुंचाने के लिए अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी कर दिया है. ट्रायल के मामलों में आरोपितों को न्यायालय से जल्द से जल्द सजा दिलायी जा सके.
इसके लिए जिले में एएसपी या डीएसपी के नेतृत्व में त्वरित विचारण कोषांग के गठन का निर्देश दिया गया है. यह कोषांग जिले में दर्ज मामलों की समीक्षा कर यह तय करेगा कि किन मामलों की स्पीडी ट्रायल करायी जाये. साथ ही, चयनित मामलों में न्यायालय के समक्ष गवाह एवं सबूत पेश करने में भी मदद करेगा. इसके अलावा जिस थाना के मामले का स्पीडी ट्रायल होगा. उस थाने के एक सक्षम पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया जायेगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि उक्त मामले के गवाह और न्यायालय की अन्य प्रक्रिया में किसी तरह की समस्या खड़ी नहीं हो. वे इस मामले की हर दिन समीक्षा भी करेंगे.
एसपी-डीएसपी करेंगे मॉनीटरिंग :
पुलिस उपाधीक्षक को अपने क्षेत्र के स्पीडी ट्रायल के तहत चयनित होने वाले मामले की समीक्षा हर पखवारे एवं पुलिस कप्तान को हर माह करने का निर्देश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है. पुलिस मुख्यालय ने स्वयं हर महीने जिला वार शराब के मामलों में स्पीडी ट्रायल के स्थिति की समीक्षा करने की बात कही है.
चार्जशीटेड मामले होंगे स्पीडी ट्रायल के लिए चयनित :सीआइडी ने हर जिले को पहले चरण में शराबबंदी लागू होने के बाद दर्ज वैसे 10 मामलों का चयन करने को कहा है. जिसमें पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है और उन मामलों में पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य एवं गवाह हो. जिले को वैसे दस मामलों का चयन कर तत्काल उसका स्पीडी ट्रायल करने का अनुरोध न्यायालय से करने को कहा गया है.
जेल से छूटे शराब माफियाओं पर शिकंजा :राज्य पुलिस मुख्यालय का मानना है कि शराबबंदी के बाद हर माह बड़ी संख्या में शराब एवं शराब के धंधेबाज पकड़े जाने के बाद जेल भेजे जाते हैं और फिर कुछ दिन बाद जेल से छुट कर आने के बाद उनके द्वारा शराब का धंधा शुरू कर दिया जाता है. विभाग ने ने माना है कि स्पीडी ट्रायल के तहत आरोपितों को सजा मिलने के बाद इस पर पूरी तरह से रोक लगेगी. राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर कार्रवाई तेज कर दी गयी है.
जिले में शराबबंदी के बाद कार्रवाई का आंकड़ा
उत्पाद अधिनियम के कुल मुकदमों की संख्या- 856
पुलिस द्वारा दर्ज मामले की संख्या- 382
उत्पाद विभाग द्वारा दर्ज मामले की संख्या- 474
जमानत पर जेल छुटने वाले आरोपितों की संख्या- 578
जेल में बंद शराब मामले की आरोपितों की संख्या- 278
अदालत में चल रहे ट्रायल केसों की संख्या- 118
सजा के करीब पहुंच चुके मामलों की संख्या- 25 (पुलिस-13, उत्पाद विभाग- 12)
एक मामले में हुई सजा-चेरियाबरियापुर थाना कांड 62/16 में
(नोट- यह आंकड़ा 01 अप्रैल 2016 से जून 2017 तक का है)
क्या कहते हैं अधिकारी
राज्य मुख्यालय से जो भी निर्देश आता है. उसे अक्षरश: पालन किया जाता है. अपराध अनुसंधान विभाग निर्देशानुसार शराब जब्ती संबंधित दस बड़े मामलों का स्पीडी ट्रायल कराने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है.
आदित्य कुमार, पुलिस कप्तान, बेगूसराय

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