बेगूसराय : पांच से 24 सितंबर तक चलनेवाले चंपारण सत्याग्रह शताब्दी यात्रा के तीसरे पड़ाव में पुस्तकालय के देवी वैदेही सभागार में ‘खेती-किसानी बचाओ, जीवन बचाओ, शिक्षा-संस्कृति बचाओ, देश बचाओ’ विषय पर पूर्व विधान पार्षद वसी अहमद की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी आयोजित की गयी. सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मध्य प्रदेश एवं प्रख्यात किसान नेता सुनीलम ने कहा कि कृषि प्रधान भारत देश में पिछले 20 वर्षों में तीन लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है.
इसके अलावा 1991 में लगभग 1.5 करोड़ किसानों ने खेती करना बंद कर दिया. वर्तमान केंद्र सरकार ने किसानों को कई आश्वासन दिया था, लेकिन इस सड़क के पहले वर्ष में ही किसानों की आत्महत्या दोगुनी हो गयी. अकेले महाराष्ट्र राज्य में 60 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है. सरकार खेती में निवेश में कटौती करती जा रही है. इसी वजह से बीज, खाद महंगे हो रहे हैं. किसानों के फसल उचित मूल्य भी नहीं मिल रहे हैं. सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि पूरे देश में किसानों का संघर्ष जारी है. मंदसौर में छह किसानों की हत्या के बाद देश में
किसान संघर्ष को भरपूर समर्थन मिल रहा है. सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारशि को लागू करने में मुकर रही है. प्रो बोढ़न प्रसाद सिंह ने कहा कि दुनिया भर में खेती अनुदान पर चलती है, लेकिन विश्व बैंक की शर्तों के कारण खेती पर से अनुदान धीरे-धीरे कम किया जा रहा है. देश की 50 प्रतिशत जनता खेती पर निर्भर है. प्रलेस के महासचिव राजेंद्र राजन ने कहा कि झूठ को झूठ कहने की ताकत गौरी लंकेश में थी. इसी के चलते उनकी हत्या हुई. आज के कठिन दौर में हमें एकजुट होना होगा. युवा प्रगतिशील कृषक ब्रजेश कुमार ने वैज्ञानिक ढंग से खेती और पशुपालन की बातें लोगों को बतायी. मंच संचालन नवेंदु प्रियदर्शी ने किया. स्वागत भाषण किसान नेता अरविंद सिंह ने किया. कुमार गणेश शंकर सिंह एवं यात्रा रथ के तनवीर आलम, इम्तियाज आदि ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन सचिव आनंद प्रसाद सिंह ने किया. मौके पर रंगकर्मी अनिल पतंग, शिक्षक नेता अमरनाथ सिंह, रामाधार कुंवर, जयप्रकाश मंडल, मनोरंजन विप्लवी आदि उपस्थित थे.