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वेंटिलेटर पर चल रहा तेघड़ा पीएचसी
कुव्यवस्था. हर तरफ गंदगी, पेयजल की किल्लत और दवाओं की कमी तेघड़ा : राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं. इसके चलते प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र तेघड़ा खुद बीमार है, जिसे खुद इलाज की जरूरत है. नतीजा है कि पीएचसी पहुंचने वाले मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. लंबे […]
कुव्यवस्था. हर तरफ गंदगी, पेयजल की किल्लत और दवाओं की कमी
तेघड़ा : राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं. इसके चलते प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र तेघड़ा खुद बीमार है, जिसे खुद इलाज की जरूरत है. नतीजा है कि पीएचसी पहुंचने वाले मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. लंबे समय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेघड़ा कुव्यवस्था का शिकार बना हुआ है.
चिकित्सा पदाधिकारी व प्रबंधक रहते हैं अनुपस्थित : चिकित्सा प्रभारी व प्रबंधक की लापरवाही के कारण मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. दोनों खुद गायब रहते हैं. अनुमंडल में अस्पताल में रहने के बावजूद पीएचसी तेघड़ा में कुव्यवस्था व्याप्त है. इमरजेंसी में भी समुचित इलाज नहीं होने के चलते कई लोग अन्य अस्पताल में जाने के क्रम में दम तोड़ चुके हैं. कभी-कभी डॉक्टर के इंतजार में मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.
लंबे समय से खराब पड़ा है एंबुलेंस : पीएचसी में दो एंबुलेंस में से एक खुद बीमार पड़ा है, जिसे देखने वाला कोई नहीं. एक चालू हालात में है भी, तो उसकी देखरेख करनेवाला कोई नहीं है. मरीज निजी वाहन से आने को मजबूर हैं, जो जरूरत पर समय से नहीं पहुंच पाते.
खराब पड़ा है चापाकल : पीएचसी में स्वच्छ पानी के नाम पर दो चापाकल है, पर दोनों खराब है. साफ-सफाई के नाम पर चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. ब्लीचिंग पाउडर सालों से बेकार पड़ा है. वाटर सप्लाइ के सहारे पानी पीते हैं. ज्ञात हो कि इस पीएचसी में 25 पंचायत के लोग आते हैं इलाज कराने, मगर सुविधा नहीं रहने के कारण लोग इधर-उधर इलाज कराने को विवश रहते हैं. वहीं दवा लेने पहुंची मरसैती गाछी टोला निवासी पुतुल देवी को डॉक्टर ने यह कह कर लौटा दिया कि ईद के अवसर पर बंद है. आज सिर्फ इमरजेंसी देखा जायेगा.
ऐसे ही अनेक मरीज दवा लिये बगैर वापस लौट गये. एएनएम अनुपमा कुमारी व लीला कुमारी ने बताया कि अस्पताल में एंटीबायोटिक, दर्द, आयरन, पैरासिटामोल, डायक्लोफेनिक आदि दवाई उपलब्ध है. अन्य दवा नहीं है.
पीएचसी में प्रसव कराने को आयी प्रियंका के परिजन आभा देवी ने
बताया कि यहां पर कोई सुविधा नहीं मिल पाती है. दवाई भी बाहर से लानी पड़ती है, स्वास्थ्य केंद्र पर मेनू के अनुसार नास्ता एवं भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है. सिर्फ चाय देकर अपना दायित्व पूरा करते हैं. बताया जाता है कि महिला चिकित्सक के नहीं रहने से प्रसव कराने के लिए पहुंचने वाली मरीजों को भारी फजीहत झेलनी पड़ती है. पुरुष डॉक्टर और एएनएम के द्वारा प्रसव कराया जाता है. स्वास्थ्य केंद्र पर नाममात्र की दवा उपलब्ध है. मजबूरन मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है. प्रसव कक्ष में बिना चादर के ही बेड पर मरीजों को रखा जाता है.
पदाधिकारी बोले
अस्पताल खुला हुआ है, मगर सिर्फ इमरजेंसी रोगी को ही देखा जायेगा. महिला डॉक्टर एक भी नहीं हैं व पुरुष डॉक्टर की भी कमी है. एक डॉक्टर रिटायर्ड कर जायेंगे, तो और कठिनाई होगी. मेरा हमेशा प्रयास है मरीजों को कोई दिक्कत न हो.
डॉ बीके झा, चिकित्सा प्रभारी
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