बांका. इस जिले में जिप विकास कोष यानी 13 वीं वित्त आयोग के पैसे की खूब लूट हुई है. यह पैसा केंद्र से आया था जिससे बीडीओ की देखरेख में आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण होना था. परंतु वह पैसा कहां गया इसका लेखा जोखा किसी के पास नहीं है. मामले का पटाक्षेप उस वक्त हुआ जब वर्तमान जिप अध्यक्ष सुनील कुमार ने रजौन पहुंच कर योजना की जांच की. जानकारी के अनुसार वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 में कुल 12 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण उक्त पैसे से होना था.
परंतु अब तक सिर्फ तीन आंगनबाड़ी केंद्र का ही निर्माण हुआ है, शेष नौ केंद्रों पर अब तक कार्यारंभ भी नहीं हुआ है. जबकि योजना के पहले किस्त की राशि भी खाते से निकल चुकी है. जांच के दौरान जिप अध्यक्ष श्री कुमार ने बताया कि यह पूरी तरह से गबन का मामला है. भ्रष्टाचार करने व योजना की राशि गबन करने के आरोप में शामिल कर्मियों पर पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.
क्या है मामला: वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 में कुल 12 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण 13 वीं वित्त आयोग के पैसे से होना था. तत्कालीन उप विकास आयुक्त ने इस योजना को प्रखंड भेजने का आदेश दिया था. कर्मियों की माने तो उस वक्त जिप के पास कार्य एजेंसी उपलब्ध थी फिर भी डीडीसी ने उसे प्रखंड भेजा था. प्राय: सभी केंद्र साढ़े छह लाख से लेकर सात लाख के बीच थी. जिस केंद्र का निर्माण हो गया वहां से तो पूरी राशि निकल गयी लेकिन जहां पर अब तक कार्य आरंभ भी नहीं हुआ था उस योजना की पहली किस्त की राशि निकल चुकी है. मंगलवार को जिप अध्यक्ष रजौन प्रखंड के दौरे पर थे. उन्होंने ही उक्त योजना की जांच की और गड़बड़ी पाया. जिसके बाद उन्होंने बीडीओ को योजना की जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये.