पहले परखें, तब करें खरीदारी
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सावधान. खाद्यान्न, फल व सब्जियों में मिलावट के कारण होती है बीमारी
पहले परखें, तब करें खरीदारी इन दिनों में बाजार में मिलावट का धंधा जोर-शोर से जारी है. इसलिए किसी भी सामान की खरीदारी से पहले सतर्क रहें. एेसा नहीं करने पर मिलावटी सामान के सेवन से आप बीमार पड़ सकते हैं. बांका : बाजार में किसी भी सामान की खरीदारी करने से पहले सावधान रहने […]
इन दिनों में बाजार में मिलावट का धंधा जोर-शोर से जारी है. इसलिए किसी भी सामान की खरीदारी से पहले सतर्क रहें. एेसा नहीं करने पर मिलावटी सामान के सेवन से आप बीमार पड़ सकते हैं.
बांका : बाजार में किसी भी सामान की खरीदारी करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. इन दिनों हर ओर मिलावट का धंधा जाेरों पर है. मिठाई से लेकर किराना सामान सहित सब्जियों में भी मिलावट की जा रही है. संबंधित विभाग द्वारा समुचित कार्रवाई नहीं होने से इस पर रोक नहीं लग पा रही है. इस प्रकार के मिलावटी सामान के उपयोग से कई तरह की बीमारी हो सकती है.
कहती हैं गृहिणी
शहर की सपना कुमारी ने बताया कि उन्होंने बाजार से परवल खरीद कर लाया था. सब्जी बनाने के दौरान जब हरे परवल को धोया, तो पानी का रंग भी हरा हो गया. बाजार में करेला भी एकदम ताजा लगा, लेकिन जब घर पर इसको सब्जी बनाने के लिए धोया तो उससे भी हरा रंग निकला, धोने के बाद वह कई दिनों की बासी निकला. सेब को अधिक ताजा बनाये रखने के लिए मोम या कैमिकल की परत डाल दी जाती है.
रेणु सिंह ने बताया कि अरहर, मसूर व मूंग दाल को धोने पर पानी उजला रंग का हो जाता है. कई बार धोना पड़ता है. कम हल्दी देने पर भी सब्जी रंग जाती है. वहीं मिर्च पाउडर देखने में तो बहुत लाल लगता है, लेकिन उसमें तीखापन नहीं के बराबर होता है. इससे लगता है कि इसमें रंग की मिलावट की गयी है.
ऐसे होती है मिलावट
मिठाई दुकानदार ने बताया कि बूंदी की लड्डू बनाने में चना के बेसन में मैदा, चौरठ, मटर बेसन की मिलावट की जाती है, जबकि पनीर में आरारोट, पेड़ा बनाने के लिए खोवा में सुज्जी, आरारोट के साथ अधिक चीनी मिलाया जाता है. खाद्यान्न कारोबारी का कहना है कि सरसों तेल में ड्रॉप्सी मिक्स किया जाता है.
इससे तेल में झांस तो बढ़ता है, लेकिन इसका असर काफी हानिकारक होता है. शुद्ध घी में वनस्पति तेल मिलाया जाता है, ये मिलावटी घी धनबाद, कानपुर, ग्वालियर आदि स्थानों से मिक्स होकर आता है. किराना दुकानदारों का कहना है कि दाल को सुरक्षित करने के लिए उसमें पॉलिस किया जाता है और चावल में चमक लाने के लिए यूरिया मिलाया जाता है. व्यवसायियों ने बताया कि मिलावटी सामान बेचनेवाले कुछ दुकानदारों के कारण अन्य व्यवसायियों का भी कारोबार प्रभावित होता है.
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