बांका : ठंड के मौसम में कई बीमारियों की आशंका बनी रहती है. इन बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सकों की सलाह महत्वपूर्ण होती है. ठंड में एलर्जिक रिनाइटिस, निमोनिया, कोल्ड स्ट्रोक, कॉमन कफ, सिर दर्द, उच्च रक्तचाप, हेमरेज, अस्थमा, स्नोफेलिया, साइनस जैसे रोगों की आशंका रहती है. विशेष कर बच्चों व बुजुर्ग को बचने की जरूरत है. घर से जब भी बाहर निकलें तो गरम कपड़े से शरीर को ढक कर निकलें.
विटामिन सी का करे प्रयोग : ठंड में विटामिन सी का अधिक सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. ठंड में विटामिन सी के लिए संतरा, आवंला व मौसमी आदि का अधिक सेवन करें. इससे सर्दी व खांसी की आशंका कम हो जाती है.
घुटना में दर्द व सिरदर्द में होता है इजाफा : ठंड में पुरानी चोट की वजह से घुटना में दर्द बढ़ जाता है. आप विटामिन डी का सेवन करें. ठंड में उच्च रक्त से भी सिर दर्द होता है. नियमित तौर पर रक्तचाप की दवा का सेवन करें.
स्नोफेलिया के मरीज दही व केला न खायें : प्रभारी चिकित्सक डॉ अशोक कुमार का कहना है कि स्नोफेलिया के मरीजों को दही, केला व अन्य ठंडे पदार्थों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. स्नोफेलिया बढ़ने पर चिकित्सक की सलाह पर बेनोसाइड फोर्ट टेबलेट का प्रयोग करें. साथ ही ठंड में टोनसिलाइटिस्ट, फेरंजाइटिस व यूआरआईटी संक्रमण होने की अधिक संभावना रहती है. जो इससे ग्रसित रहते है. उन्हें गरम पेय पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए.
साइनस पीड़ित को ठंड से बचने की जरूरत : चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि ठंड से साइनस से ग्रसित होने की अधिक संभावना रहती है. साइनस पीडि़त को ठंड से बचने की जरूरत है. साइनस में सिरदर्द, सर्दी व बुखार अक्सर रहता है. चिकित्सकों की सलाह पर साइनस रोगियों को कॉबोलप्लस दवा का भांप या एंटीबॉयोटिक दवा लेना चाहिए.