कटोरिया : चतुर्दिवसीय अनुष्ठान वाले लोक आस्था के महापर्व छठपूजा का शुभारंभ रविवार से हो गया है़ अनुष्ठान के प्रथम दिन छठव्रतियों ने नदी व तालाबों में स्नान करने के बाद अपने घर को गंगाजल छिड़क कर पवित्र करने के बाद कद्दू-भात व चना का दाल तैयार किया़ इस शाकाहारी व शुद्ध भोजन को छठ व्रतियों द्वारा ग्रहण करने के बाद पडोसी व रिश्तेदारों को भी बुला कर प्रसाद के रूप में कद्दू-भात खिलाया गया़ गांव से लेकर बाजार तक छठ पूजा की धूम मची हुई है़
छठ पूजा के दूसरे दिन सोमवार 16 नवंबर को खरना होगा़ इस दिन छठव्रती दूध, अरबा चावल व ईख के रस में मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकडी से प्रसाद तैयार करेगी़ संध्या पूजन कर इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी शुरू हो जायेगा़ मंगलवार को छठ घाटों पर नदी में खडी होकर सुख, समृद्घि व आरोग्यता की कामना करते हुए
छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी़ जबकि बुधवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्यदान के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जायेगा़ गांव की गलियों से लेकर बाजार के चौक-चौराहों पर जगह-जगह छठ पूजा के गीत बजाये जा रहे हैं. समूचा क्षेत्र भगवान भाष्कर की अराधना व भक्ति-भाव में डूबा हुआ है़
-अंचलाधिकारी ने लिया घाटों का जायजाकटोरिया के अंचलाधिकारी विजय कुमार गुप्ता ने रविवार की शाम दरभाषण नदी घाट एवं बडका बांध घाट का जायजा लिया़ इस क्रम में उन्होंने घाटों को दुरुस्त कर रहे छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों से भी बातचीत की़ अंचलाधिकारी ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं स्थानीय युवाओं से अपील की कि जिला प्रशासन के आदेशानुसार इस बार छठ घाटों पर आतिशबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है़
ताकि छठ पूजा के अनुष्ठान पर किसी भी तरह की अशांति या हादसे की स्थिति उत्पन्न नहीं हो़ उन्होंने लोगों से घाट पर पटाखा नहीं छोड़ने की अपील की़ बाजार में छायी रौनकछठ महापर्व को लेकर कटोरिया सहित राधानगर, सूइया, तेतरिया, भैरोगंज, करझौंसा, जमदाहा, जयपुर आदि बाजारों में रौनक छायी रही़ छठ
व्रतियों के अलावा परिजनों ने पूजन सामग्री सहित अन्य जरूरी सामान की खरीदारी की़ बाजार के किराना दुकान, सूप-डलिया दुकान, पूजन सामग्री आदि की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती रही़ ग्रामीण व बाजार क्षेत्र के खरीदारों की भीड़ की वजह से कटोरिया बाजार में कई बार जाम की स्थिति भी बनी़