बांका : कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए सरकार नित्य नये प्रयोग कर रही है. लेकिन सरकार का हर प्रयोग बांका जिला में फेल हो जाता है. विभाग इतना उदासीन बना हुआ है कि मुख्य सचिव तक वीडियो कान्फ्रेंसिंग ने कृषि विभाग को अपनी कार्य शैली में सुधार लाने तक की बात कह दी है.
किसानों के लिए जिले में ई–किसान भवन बनना था. इसके लिए वर्ष 2008-09 में चार प्रखंडों में ई–किसान भवन की स्थापना के लिए 165.50 लाख की स्वीकृति एवं 115.05 लाख आवंटन जिले को प्राप्त हुआ. इसके अंतर्गत बेलहर, बौंसी, अमरपुर एवं बाराहाट में इसका निर्माण होना था. जिसमें तीन प्रखंड में भवन बन कर लगभग तैयार हो चुके हैं. लेकिन बाराहाट में करीब एक साल से काम रूका पड़ा है.
पुन: वर्ष 2010-11 में कृषि विभाग को जिले के तीन अन्य प्रखंडों में ई–किसान भवन बनाने के लिए 182.94 लाख मिले. इसके अंतर्गत रजौन, चांदन एवं कटोरिया में भवन बनने थे. भवन बन भी गये कहीं रंग रोगन नहीं हुआ तो कही कुछ कमी रह गयी है. राज्य में कृषि के समग्र विकास के लिए ई किसान भवन का उद्वेश्य प्रखंड स्तर पर कृषि संबंधी उपादानों एवं तकनीकी सेवाओं को एकल खिड़की से प्रदान करना है.
ई–किसान भवन के चालू होने में विलंब से स्थानीय कृषक इससे होने वाले लाभ से वंचित है. दो वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी कार्य अपूर्ण रहने के कारण किसानों को इसके लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है. विभाग के इस लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. सरकार ने ई–किसान भवन बनवाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये है. लेकिन पदाधिकारी इस बात को नहीं समझ पा रहे है कि आखिर इस भवन का किस दिन शुभ मुहरूत निकलेगा.
* कहते हैं कृषि पदाधिकारी
इस विषय में डीएओ संजय कुमार ने बताया कि कुछ प्रखंड में भवन बन कर तैयार है. और कुछ में अधूरा है. इंजीनियर से व्यक्तिगत संपर्क किया जा रहा है. जो भवन बनकर तैयार हो चुके हैं. वो 15 अगस्त से पहले चालू किये जायेंगे.