बांका : सूखा की मार झेल रहे जिले के किसानों में कहीं खुशी कहीं गम वाली बात हो गयी है. सरकार ने जिले के 34 पंचायत को तत्काल सहायता के रुप में तीन-तीन हजार रुपया देने की घोषणा की है. जिसके आलोक में राशि खाते में चिह्नित पंचायत के प्रत्येक परिवार को देने की विभागीय तैयारी शुरू कर दी गयी है.
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तत्काल सहायता से वंचित किसान परती खेतों की खींच रहे सेल्फी
बांका : सूखा की मार झेल रहे जिले के किसानों में कहीं खुशी कहीं गम वाली बात हो गयी है. सरकार ने जिले के 34 पंचायत को तत्काल सहायता के रुप में तीन-तीन हजार रुपया देने की घोषणा की है. जिसके आलोक में राशि खाते में चिह्नित पंचायत के प्रत्येक परिवार को देने की विभागीय […]
वहीं शेष बचे 151 पंचायत के किसान परिवार काफी निराश हैं. उनका कहना है कि उनके यहां भी खेती बारिश नहीं होने की वजह से प्रभावित हुई है. जहां खेती कर भी दी गयी है उसे बचाने के लिए सिंचाई की आवश्यकता है. मोटर पंप चलाने के लिए राशि की आवश्यकता होगी. लिहाजा, किसान अपने-अपने तर्क से अपना-अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं.
वहीं इस कड़ी में बांका प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भगवानपुर गांव के एक युवा पंकज कुमार ने परती खेत के साथ सेल्फी लेकर फेसबुक पोस्ट करते हुए दुख व्यक्त किया है. उनका कहना है कि बांका व बाराहाट के सभी पंचायतों में सूखा का असर है. परंतु सरकार ने जिले के कुछ ही पंचायतों को तत्काल राशि देने की स्वीकृति दी है, जो खेदजनक है. यही नहीं सांसद से उचित मुआवजा के लिए प्रयास करने की अपील भी की है.
दरअसल, छूटे 151 पंचायतों में भी दर्जनों ऐसे पंचायत हैं, जहां सूखा का असर काफी अधिक है. परंतु इसे तत्काल सहायता राशि की श्रेणी से बाहर रखा गया है. लिहाजा, जगह-जगह से किसान विरोध कर रहे हैं. ज्ञात हो कि बारिश के आभाव में अबकी धान की खेती 73 फीसदी में ही सिमट गयी है. हालात विगत वर्ष से ही भयावह है. बारिश तो होती है परंतु अपेक्षित नहीं. ऐसे में खेत में लगी फसल को बचाना भी मुश्किल भरा है.
2018 से भी अबकी कम हुई बारिश
विगत वर्ष से अबकी बारिश की तुलना करें तो काभी असमानताएं हैं. जानकारी के मुताबिक 2018 में जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर मिलाकर कुल बारिश 692.73 हुयी थी. जबकि सामान्य वर्षापात 837.46 एमएम था. अबकी अबतक 837.6 एमएम सामान्य वर्षापात के मुकाबले महज 513.72 एमएम बारिश हुयी है.
2018 में इसी प्रकार स्थिति को देखते हुए पूरे जिले को ही सूखाग्रसत घोषित कर दिया गया था. परंतु अबकी किसान निराश हैं. हालांकि, जिन किसानों को तत्काल सहायता राशि मिल रही है, उनका दर्द जरुर कुछ कम हआ है.
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