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तंगहाली में विवाह के नाम पर परदेस में हो रहा लाडली का सौदा

बांका : गरीबीकी सबसे बड़ी जिल्लत आज एक पिता ही झेल रहा है. शादी की उम्र पार कर चुकी प्रत्येक गरीबी रेखा में गुजर-बसर कर रहे परिवार में बिन बिहायी बेटी पड़ी है. नतीजतन, गरीब पिता दहेज की कमी की वजह से अपनी लाडली का हाथ पीला करने में असमर्थ हैं. परदेशी इसी गरीबी का […]

बांका : गरीबीकी सबसे बड़ी जिल्लत आज एक पिता ही झेल रहा है. शादी की उम्र पार कर चुकी प्रत्येक गरीबी रेखा में गुजर-बसर कर रहे परिवार में बिन बिहायी बेटी पड़ी है. नतीजतन, गरीब पिता दहेज की कमी की वजह से अपनी लाडली का हाथ पीला करने में असमर्थ हैं. परदेशी इसी गरीबी का फायदा उठाकर जिले के गरीब घर की बेटियों की खरीद-बिक्री का प्रस्ताव रख देते हैं.

तंगहाली में घरवाले मजबूरन अपनी बेटी को परदेशी के हाथ सौंप देते हैं. जब गरीब परिवार की बेटी पिया के घर जाती हैं, तो उसे वहां जिल्लत भरी जिंदगी गुजारनी पड़ती है. यहां तक जिस वर के साथ लाडली को विदा किया जाता है, ससुराल जाकर पता चलता है कि उसका पति तो एक अधेड़ है.

एजेंट गरीब परिवार को देता है बेटी का अमीर घर में रिश्ता कराने का प्रलोभन
दरअसल, जिला में एजेंट के माध्यम से यहां की लड़कियों को खरीद कर परदेशी के हाथ बेचा जा रहा है. कई बार ग्रामीणों ने खरीद-बिक्री की कुरीति को रंगे हाथ पकड़ा है. ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व ही भितिया पंचायत के नैयासी गांव में एक अधेड़ बेबस घर की बेटी को खरीदा जा रहा था. ग्रामीणों को कानो-कान खबर होते ही जमकर विरोध किया गया.
ग्रामीणों का आक्रोश देख एजेंट सहित रसूखदार रफ्फू चक्कर हो गये थे. यह केवल नैयासी की कहानी नहीं है. जिले में ऐसे दर्जनों गांव मौजूद हैं. जहां लगातार लड़की बेचने की बात सामने आ रही है. हालांकि इसे शादी की बात कहकर खरीद को ढका जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि गरीबी की वजह से ऐसे परिवार लड़की को बेचने को मजबूर हो जाते हैं. सूत्र की मानें तो यहां की बिटिया उत्तर प्रदेश, कोलकाता, हरियाणा आदि जगहों में बेची गयी है.
इन गांवों से प्रदेश में हो चुका है बिटिया का विवाह
सूत्र की मानें तो बांका थाना क्षेत्र के फुल्लीडुमर, मड़र कुरावा, मंगरा, सन्हौला महादलित टोला, गेनोबारी, केलाबारी, बीराडीह, सिंघाजोर, गोरबामारन, लोहसीना, गरभातरी, चौवटिया, कटोरिया थाना के आमझर, खैनिया, चननथारा, सूइया भेलवा, फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के इनारावरण, एकचट्टी सहित दर्जनों गांव से लड़की बेचने की चर्चा जोरों पर है. दरअसल, यह प्रथा समाज व कानून की नजर में अवैध है. अगर इस प्रक्रिया कोई एजेंट या गरीब परिवार पकड़ता है, तो उसपर कानूनी शिकंजा पड़ सकता है. वहीं कम ही मामले थाना तक पहुंच पाता है.
इन गांवों से प्रदेश में हो चुका है बिटिया का विवाह
सूत्र की मानें तो बांका थाना क्षेत्र के फुल्लीडुमर, मड़र कुरावा, मंगरा, सन्हौला महादलित टोला, गेनोबारी, केलाबारी, बीराडीह, सिंघाजोर, गोरबामारन, लोहसीना, गरभातरी, चौवटिया, कटोरिया थाना के आमझर, खैनिया, चननथारा, सूइया भेलवा, फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के इनारावरण, एकचट्टी सहित दर्जनों गांव से लड़की बेचने की चर्चा जोरों पर है. दरअसल, यह प्रथा समाज व कानून की नजर में अवैध है. अगर इस प्रक्रिया कोई एजेंट या गरीब परिवार पकड़ता है, तो उसपर कानूनी शिकंजा पड़ सकता है. वहीं कम ही मामले थाना तक पहुंच पाता है.
जिले के दर्जनों गरीब बेटियों का शादी के नाम पर हो चुका है सौदा
अधेड़ से विवाह रचा कर खुश नहीं हैं बेटियां
लड़की खरीद-फरोख्त में एजेंट की मुख्य भूमिका
लड़की खरीद-फरोख्त कुरीति में एजेंट की प्रमुख भूमिका होती है. एजेंट ही रसूखदार व गरीब घर के बीच मुख्य सूत्रधार का काम करता है. सूत्र की मानें तो एजेंट गरीब व सुंदर लड़की की रेकी करता है. उसके बाद गरीब परिवार को प्रलोभन देकर अमीर घर से रिश्ता जोड़ने का प्रस्ताव रखता है. साथ ही इसके बदले मोटी रकम की भी पेशकश करता है. लिहाजा, पैसे की लालच में आकर बेटी का सौदा करने को न चाहते हुए मजबूर होना पड़ता है. इसके बाद छोटी-मोटी रस्म अदायगी के बाद अधेड़ के साथ बेटी की शादी कर दी जाती है. एक बार बेटी विदा होने के बाद अपने बाबूल से दुबारा कम ही मिल पाती है. जानकारी के मुताबिक कुछ प्रदेशों में मर्द के वनिस्पत औरत की कमी की वजह से सूबे के गरीब गांव में ऐसे कुदृष्टि डाली जाती है.

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