34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

अब समय आ गया बांका की खूबसूरती को करीब से देखने का

बांका : ठंड की दस्तक के साथ ही पर्यटन व दार्शनिक स्थल को देखने की इच्छा प्रबल हो जाती है. कई जिलावासी लंबी दूरी तय कर विभिन्न शहर पहुंच वहां की प्रकृति से अवगत होते हैं. जबकि दार्शनिक मन बांका की सौंदर्य वादियों में भी घूमने को लालायित रहता हैं. बांका जिला सौंदर्य की गोद […]

बांका : ठंड की दस्तक के साथ ही पर्यटन व दार्शनिक स्थल को देखने की इच्छा प्रबल हो जाती है. कई जिलावासी लंबी दूरी तय कर विभिन्न शहर पहुंच वहां की प्रकृति से अवगत होते हैं. जबकि दार्शनिक मन बांका की सौंदर्य वादियों में भी घूमने को लालायित रहता हैं. बांका जिला सौंदर्य की गोद में बैठा हुआ है. यहां की धरती पर जंगल व पहाड़, नदी व डैम जैसी प्रकृति संपदा का अकूत भंडार है. इस ठंड में ऐसे लोग जो बांका की सौंदर्य से अपरिचित हैं, उन्हें मौका है यहां की खूबसूरती को नजदीक से देखने की है. ज्ञात सौंदर्य से धनी बांका जिला पर्यटन की दिशा में तेजी से प्रसिद्धि पा रहा है. मंदार पहाड़ के साथ अनेकों प्राचीन स्थल हैं,

जहां की कृति दूर तक छायी हुयी है. अन्य जिला व अनेकों प्रांत से श्रद्धालु व पर्यक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इस बार भी ठंड में घूमने के लिए बांका की धरती बांह फैलाकर स्वागत कर रही है. वहीं दूसरी ओर ठंड की उपस्थिति दर्ज होते ही युवा दिलों की धड़कन घुमंतू होने को बेकरार है. इस बार भी तमाम पर्यटन स्थल गुलजार होने के लिए उतावले हैं. युवाओं की रणनीति अभी से पिकनिक के लिए तैयार हो रही है. पर्यटन स्थल के रुप में पहली पसंद मंदार ही होता है.

परंतु यहां ऐसे कई स्थल हैं, जहां एक बार पहुंचने के बाद वादियां बार-बार आकर्षित करती हैं. 15 दिसंबर से बांका विहार का सिलसिला शुरु हो जायेगा. दरअसल, जनवरी माह मंदार की धरती श्रद्धालुओं के समागम से खिल जाता है. एक माह में लाखों-लाख पर्यटक मंदार भ्रमण के लिए पहुंचते है. इसके बाद फुल्लीडुमर अंचल क्षेत्र के झरना व कटोरिया क्षेत्र के झझवा पहाड़ सहित जिले के अन्य पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ देखी जाती है.

डैम व पहाड़ एकाएक हो जाता है जीवंत
प्रकृति के रूप में जिला की पहचान पहाड़ व जंगल से खूब होती है. ज्ञात हो कि बांका में दर्जनों प्राचीन व प्रसिद्धि प्राप्त पहाड़ हैं. जो यहां की खूबसूरती में चार-चांद लगा देता है. सूबे में डैम के मामले में बांका की गिनती भी उच्च स्थान पर होती है. यानि पहाड़, जंगल व दर्जनों डैम पिकनिक के लिए उपयुक्त स्थल माना जाता है. लंबे समय तक विरानी की चादर ओढ़े ये स्थल ठंड आते ही खिल उठती है. युवा टोली के साथ लोग अपने-अपने परिवार व बड़े-बुजुर्गों के साथ प्रकृति से परिचय करने पहुंचते हैं. युवा कैमरा व मोबाइल के माध्यम से बेहतर तस्वीर खींचने के साथ अनगिनत संख्या में सेल्फी भी लेते हैं. तरह-तरह के व्यंजन बनाकर उनका लुत्फ भी उठाते हैं.
हेमंत ऋतु में हर वर्ष की भांति गुलजार हो जाते हैं सभी
पिकनिक स्पॉट
प्राकृति की गोद में समाये दर्जनों पर्यटन स्थल हैं आकर्षक
मंदार
जैठोर
नाड़ा
झरना
सूइया
ककवारा
झझवा इत्यादि
प्रमुख डैम
बदुआ
चांदन
विलासी
ओढ़नी
डकाय
हनुमाना
कोझी
मंदेगरी आदि
सुरक्षा का हो पुख्ता इंतजाम
पर्यटकों की संख्या देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था प्रतिवर्ष एक मुद्दा बनकर रह जाता है. इस ओर किसी भी स्तर से पहल न के बराबर होती है. इस बार भी जिले में अवस्थित प्रत्येक पर्यटन स्थल पर आगंतुकों की भीड़ इकट्ठी होगी. परंतु एकाध जगह के अलावा कहीं भी सुरक्षा का बंदोवस्त नजर आने की संभावनाएं कम ही है. लिहाजा, इस बार लोगों ने सुरक्षा-व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग पुलिस प्रशासन से की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें