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बाढ़ पूछकर नहीं आयेगी, रहें तैयार
निर्देश. डीएम ने सिंचाई विभाग अभियंता व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के साथ की बैठक बाढ़ सहित अन्य प्राकृतिक आपदाएं को लेकर जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए उनके कार्यों को सुनिश्चित कर दिया है. बांका : जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कार्यपालक अभियंता सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के साथ सोमवार […]
निर्देश. डीएम ने सिंचाई विभाग अभियंता व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के साथ की बैठक
बाढ़ सहित अन्य प्राकृतिक आपदाएं को लेकर जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए उनके कार्यों को सुनिश्चित कर दिया है.
बांका : जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कार्यपालक अभियंता सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के साथ सोमवार को आवश्यक बैठक की. बैठक के दरम्यान उन्होंने कहा कि यह भ्रम छोड़ दें की बाढ़ नहीं आयेगी. बाढ़ सहित अन्य आपदाएं पूछकर नहीं आती है.
इसलिए सभी अपने-अपने कार्य के प्रति समर्पित व ईमानदार रहें. उन्होंने संबंधित अभियंता व अधिकारी को मुख्यालय में डेरा डालने का निर्देश दिया. कहा कि यह निर्देश बहुत ही आवश्यक है, जिसपर अमल करना सुनिश्चित करें. यदि किसी कारणवश किसी अधिकारी की नाकामी व लापरवाही नजर आयी, तो उस समय कानूनी कार्रवाई अविलंब तय कर दी जायेगी. उन्होंने सभी अभियंता से नदी तटबंध का निरीक्षण करने का निर्देश दिया.
कहा कि जहां-जहां मरम्मत की आवश्यकता हो, उसकी सूची तैयार करें. साथ ही उन्होंने तटबंध की मरम्मत कर सुरक्षा से संबंधित प्रमाण-पत्र देने का निर्देश दिया. वहीं तटबंध की मरम्मत के लिए सीओ को भी आवश्यक टास्क दिये गये. जानकारी के मुताबिक सिंचाई विभाग के कमोबेश सभी अभियंता बांका में पदस्थापित जरूर हैं, परंतु वह शहर में ही रहकर जिला का कामकाज देखते हैं.
उनकी उपस्थिति केवल बैठक के दौरान ही नजर आती है. विगत दो अक्तूबर को हुई भीषण बारिश के बाद चांदन तटबंध का एकाएक टूटने पर जहां पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर मजबूत था, वहीं दूसरी ओर संबंधित अभियंता का कई घंटे तक कोई ठोर-ठिकाना नहीं मिल रहा था. डीएम ने उसी दिन इस बात को नोटिस कर लिया था.
डीएम ने बाढ़ व आपदा से निबटने के लिए संपर्क प्लान तैयार करने की बात कही. डीएम ने तटबंध से नजदीक बसे गांव व सरकारी कर्मी से संपर्क में रहने का निर्देश दिया. साथ ही नियमित रूप से अपडेट लेने की भी बात कही. डीएम ने संबंधित अभियंता को कहा कि अपने-अपने अधीनस्थ कर्मी तथा तटबंध से नजदीक रहने वाले पड़ोसी, सरकारी स्कूल के शिक्षक, आंगनबाड़ी केंद्र के कर्मी व विकास मित्र के दो-दो मोबाइल नंबर के साथ पूर्ण विवरणी तैयार कर समर्पित करें.
साथ ही इसकी एक सूची संबंधित विभाग के पास होनी चाहिए. ताकि समय-समय पर फीडबैक लिया जा सके. कहा कि संपर्क सूत्र मजबूत रहने से अगर कहीं तटबंध क्षतिग्रस्त या किसी आपदा की आशंका मालूम होगी तो सूचना तंत्र से जानकारी प्राप्त हो सकती है. सूचना मिलने पर अविलंब आपदा से निबटने के लिए ठोस रणनीति व आवश्यक सामग्री जुटायी जा सकती है.
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