शंभुगंज : शंभुगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड का नजारत कार्यालय बांका के एक निजी होटल गेस्ट हाउस बांका के द्वितीय तल के कमरा नंबर वन में संचालित हो रहा है. बांका के होटल में नजारत कार्यालय चलाने का खेल शंभुगंज प्रखंड प्रशासन और नाजिर उमेश कुमार के मिली भगत से किया जा रहा है. जिसके […]
शंभुगंज : शंभुगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड का नजारत कार्यालय बांका के एक निजी होटल गेस्ट हाउस बांका के द्वितीय तल के कमरा नंबर वन में संचालित हो रहा है. बांका के होटल में नजारत कार्यालय चलाने का खेल शंभुगंज प्रखंड प्रशासन और नाजिर उमेश कुमार के मिली भगत से किया जा रहा है. जिसके कारण प्रखंड क्षेत्र का विकास कार्य सहित कई योजनाओं का कार्य पुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. जानकारी के अनुसार शंभुगंज प्रखंड के नजारत कार्यालय में पिछले तीन महीनों से ताला लटका हुआ है.
ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी प्रखंड के बीडीओ दीना मुर्मू को नहीं है. लेकिन बीडीओ की मिली भगत से बांका के होटल में नजारत कार्यालय चलाने का खेल हो रहा है. बांका में नजारत कार्यालय चलने के कारण न तो जनकल्याण का भुगतान, न ही कन्या विवाह योजना और न ही स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन की ही राशि मिल पा रही है.
इतना ही नहीं विकास कार्य के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय भी कई महीनों से नजारत की वजह से लंबित है. प्रखंड के एक कर्मी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि नजारत कार्यालय से चुनाव में खर्च हुए करीब 20 लाख रुपया की हेराफेरी की गयी है. जिसका आज तक वॉचर ही सम्मिट नहीं किया गया है.
आमजनों को होती है परेशानी: इस साक्ष्य को छुपाने सहित कई अभिलेख की गलतियां छुपाने को लेकर रोकड़, अभिलेख, कैश बुक आदि जरूरतमंद कागजात को नाजिर उमेश कुमार द्वारा प्रखंड प्रशासन के मिली भगत से प्रखंड कार्यालय से बांका ले जाकर एक निजी होटल में ही नजारत कार्यालय चलाया जा रहा है. जिसके कारण नजारत से संबंधित कोई भी कार्य का जरूरत पड़ने पर पंचायत प्रतिनिधियों, प्रखंड के कर्मियों और आमजनों को बांका स्थित उक्त होटल ही जाना पड़ता है.
ऐसा नहीं की इसकी जानकारी जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों को नहीं है. प्रखंड के नाजिर उमेश कुमार और प्रखंड प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही, मनमानी और तानाशाही रवैया के बावजूद जिले के वरीय अधिकारियों की मेहरबानी बना रहना यहां के लोगो में चर्चा का बिषय बना हुआ है. इस संबंध में पूछने पर नाजिर उमेश कुमार ने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया. जबकि पहले के प्रखंड कर्मी का यहां से स्थानांतरण हो चुका है.
उनके जगह पर नये कर्मी के द्वारा योगदान किये दो महीना हो चुका है. लेकिन अभी तक चार्ज नहीं दिया गया है. मामले की जानकारी जब उप विकास आयुक्त को हुई तो उनके द्वारा एक पत्र जारी कर बीडीओ दीना मुर्मू को 24 घंटे के अंदर इसका जवाब देने का निर्देश दिया गया है. वहीं वरीय प्रभारी पदाधिकारी शंभुगंज को मामले की जांच करने एवं डीआरडीए निदेशक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.