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दो महिलाएं गिरफ्तार, दर्ज होगी एफआइआर
कार्रवाई. सदर अस्पताल में एसडीओ का छापा, महिला वार्ड में दलालों की गतिविधियां उजागर औरंगाबाद नगर : दलाली के मामले में हमेशा से सुर्खियों में रहनेवाला आदर्श सदर अस्पताल में बुधवार को सदर एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद ने औचक जांच की. इस दौरान अस्पताल परिसर के डाइग्नोस्टिक भवन में चल रहे महिला ओपीडी के पास मरीजों […]
कार्रवाई. सदर अस्पताल में एसडीओ का छापा, महिला वार्ड में दलालों की गतिविधियां उजागर
औरंगाबाद नगर : दलाली के मामले में हमेशा से सुर्खियों में रहनेवाला आदर्श सदर अस्पताल में बुधवार को सदर एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद ने औचक जांच की. इस दौरान अस्पताल परिसर के डाइग्नोस्टिक भवन में चल रहे महिला ओपीडी के पास मरीजों को बहला-फुसला कर बाहर ले जा रही दो महिला दलालों को एसडीओ ने रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके बाद अस्पताल परिसर में खलबली मच गयी और लोग इधर-उधर भागने लगे.
जो अन्य महिला दलाल सदर अस्पताल परिसर में मरीजों को बहला-फुसला कर बाहर ले जा रही थी, वे एसडीओ को देखते ही मरीज छोड़ कर भाग खड़ी हुई. पकड़ी गयी महिला दलाल में एक का नाम सोना देवी, जबकि दूसरी का नाम लालमुनी देवी है. छापेमारी करने के बाद एसडीओ ने बताया कि सदर अस्पताल में मरीजों को बहला-फुसला कर निजी क्लिनिक में ले जाकर आर्थिक शोषण कराने से संबंधित लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके आधार पर पूर्व में भी अस्पताल का औचक जांच की थी.
उस दौरान डांट-फटकार कर लोगों को छोड़ दिया गया था.लेकिन, बुधवार को जब छापेमारी की गयी, तो पाया गया कि दो महिला दलाल सोना देवी व लालमुनी देवी मरीजों को बहला-फुसला कर बाहर ले जा रही थी, जिसे पकड़ कर नगर थाना पुलिस के हवाले किया गया है. साथ ही, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक राजकुमार प्रसाद को उक्त दोनों दलालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. इधर, एसडीओ के निर्देश पर नगर थाना के दारोगा राजकुमार प्रसाद, मो तलहा, दोनों दलालों को अपनी अभिरक्षा में नगर थाना लेकर आये. अस्पताल के उपाधीक्षक राजकुमार प्रसाद ने बताया कि पकड़ी गयी दोनों महिला दलालों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए नगर थाना को आवेदन दे दिया गया है.
आते ही बंद कराया गेट
छापेमारी के दौरान महिला दलाल अस्पताल परिसर से भाग नहीं जायें, इसका ध्यान एसडीओ को पहले से ही था. अस्पताल परिसर में प्रवेश होते ही एसडीओ ने गेट को बंद करवा दिया और डाइग्नोस्टिक भवन के महिला ओपीडी के पास सीधे पहुंचे, जहां से दो दलालों को पकड़ लिये. हालांकि, कई और दलाल चकमा देकर भाग निकले. एसडीओ ने कहा है कि उन लोगों को भी जल्द ही पकड़ लिया जायेगा. इसके लिये कर्मियों को अस्पताल तैनात किया जायेगा.
अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं !
इधर, एसडीओ के छापे और कार्रवाई के बाद अस्पताल प्रशासन व यहां कार्यरत चिकित्सकों की भी पोल खुलते दिख रही है. क्योंकि बिना कर्मियों और चिकित्सक की मिलीभगत के अस्पताल में दलालों की गतिविधि जारी रहना संभव नहीं दिखता है. सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक व कर्मचारी सिजेरियन ऑपरेशन के मामलों में पहले भी मरीजों को टालते रहे हैं. ऐसी शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं. चिकित्सक व कर्मचारी की ओर से इलाज में कोताही बरते जाने के बाद ही कोई मरीज दलालों की ओर मुखातिब होता है. सूत्र बताते हैं कि शहर में चलनेवाले कई निजी क्लिनिकों की सदर अस्पताल के स्टाफ से सांठ-गांठ है, जिसके चलते यहां आनेवाले गरीब मरीज आर्थिक दोहन का शिकार होते हैं.
ऑपरेशन करने से किया इनकार
जिस वक्त एसडीओ सदर अस्पताल में छापेमारी करने के लिए पहुंचे थे, उस वक्त सदर अस्पताल के ही एक कर्मी प्रसव के लिए आयी महिला को बहला-फुसला कर ऑपरेशन कराने के लिए निजी क्लिनिक में ले जा रही थी, लेकिन जब यह मामला एसडीओ तक पहुंचा, तो मरीज को ले जा रहे कर्मी भाग गया.
जब एसडीओ ने मरीज से पूछताछ की, तो बताया कि चिकित्सक द्वारा यह कहते हुए ऑपरेशन नहीं किया गया कि तुम्हारे शरीर में साढ़े आठ ग्राम ही खून है. जब एसडीओ ने इस पर उपाधीक्षक को क्लास लगायी, तो उन्होंने महिला मरीज को सदर अस्पताल में ऑपरेशन करने की बात कही है. मामला चाहे जो भी हो, अस्पताल के चिकित्सक भी भोले-भाले मरीजों को सिजेरियन ऑपरेशन नहीं करना चाहते हैं और खून का बहाना बना कर रेफर कर देते हैं.
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