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अब सदर अस्पताल में डेंगू की जांच
औरंगाबाद सदर : हर ओर से मिल रही डेंगू की सूचना ने औरंगाबाद स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क कर दिया है. जिला स्वास्थ्य विभाग डेंगू के मरीजों से निपटने के लिये तैयार हो गया है. डेंगू से सतर्क स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल में जांच की व्यवस्था बना ली है, ताकि कहीं से भी आये […]
औरंगाबाद सदर : हर ओर से मिल रही डेंगू की सूचना ने औरंगाबाद स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क कर दिया है. जिला स्वास्थ्य विभाग डेंगू के मरीजों से निपटने के लिये तैयार हो गया है. डेंगू से सतर्क स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल में जांच की व्यवस्था बना ली है, ताकि कहीं से भी आये मरीजों की जांच कर डेंगू के होने न होने की स्थिति को स्पष्ट किया जा सके. ऐसा पहली बार हुआ है कि, औरंगाबाद स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर पहले से सतर्क है. इससे पूर्व डेंगू के लक्षण वाले मरीजों को सदर अस्पताल फौरन रेफर कर देता था. लेकिन, अब जांचकीट उपलब्ध होने से डेंगू की जांच करने के बाद पॉजिटिव पाये जाने पर ही सदर अस्पताल मरीजों को रेफर करेगा.
डाॅक्टरों को तैयार रहने का दिया गया निर्देश : डेंगू से निबटने के लिये सदर अस्पताल के चिकित्सकों को विशेष निर्देश दिये गये हैं. डेंगू के मरीज पाये जाने पर उनकी जांच कीट द्वारा जांच कर इलाज करने की बात कही गयी है. मरीजों की स्थिति देखते हुए रेफर करने का निर्देश चिकित्सकों को मिला है. इसके अलावे सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिये अलग वार्ड की व्यवस्था बनायी गयी है और साफ-सफाई पर भी ध्यान देने की बात सिविल सर्जन ने कही है.
अब तक पाये गये तीन मरीजों से सतर्क हुआ सदर अस्पताल : सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार औरंगाबाद के एक और बाहर से आये दो लोगों में डेंगू के लक्षण पाये गये थे. प्रारंभिक जांच में उनके लक्षण का पता चल जाने से इलाज में सुविधा हुई और सदर अस्पताल में ही उनका इलाज कर ठीक किया गया. बताया जाता है कि बाहर से आये दो मरीज सूरत और महाराष्ट्र से औरंगाबाद आये थे. इससे दो सप्ताह पूर्व छात्र समागम जदयू के प्रदेश महासचिव निखिल कुमार में डेंगू के लक्षण पॉजिटिव पाये जाने पर उसे पटना रेफर कर दिया गया था. इस दौरान अस्पताल में काफी हो-हल्ला भी मचा था.
लाखों रुपये की लागत से खरीदी गयी मशीन से नहीं हो सकी फागिंग : इधर सदर अस्पताल डेंगू के मरीजों को लेकर चिंतित है, लेकिन नगर पर्षद लाखों रुपये की लागत से खरीदी गयी मशीनों से अब तक फाॅगिंग नहीं करा रहा है. शहर के लोग डेंगू को लेकर काफी घबराये हुए हैं और नगर पर्षद द्वारा फागिंग मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा. चारों तरफ बारिश के पानी से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न है, लेकिन इस स्थिति में भी नगर पर्षद अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन नहीं कर रहा और न ही सफाई व्यवस्था पर ही ध्यान दे रहा है.
लोगों को किया जा रहा जागरूक
अब तक पाये गये मरीजों को देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति ने डेंगू से निबटने की तैयारी की ली है. लोगों को जागरूक करने के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी दिशा-निर्देश दिये गये है. इसके अलावे एएनएम और आशा को डेंगू के लक्षण की जानकारी दी गयी है. डेंगू के लक्षण व उसके बचाव को लेकर जागरूक स्वास्थ्य विभाग मरीजों को पाये जाने की स्थिति में उन्हें तुरंत सदर अस्पताल भेजने का निर्देश दिया है. शहर व ग्रामीण इलाकों में डेंगू से बचाव के लिये घर के आसपास साफ-सफाई रखने की अपील की गयी. बताया गया है कि एडिस मच्छर साफपानी में ही पनपते हैं, इसलिए पानी को ढंक कर रखें.
बचाव के उपाय
हेल्थ वर्ल्ड अस्पताल के चिकित्सक आसित रंजन बताते हैंकि इस मौसम में मच्छरों से बचें, घर के आसपास साफ सफाई रखें. सभी पुराने टायरों, बरतनों तथा व्यवहार में नहीं आने वाली वस्तुओं को हटा दें, ताकि इनमें पानी जमा न हो, पानी के बरतनों को ढंक कर रखें, क्योंकि एडिस मच्छर स्वच्छ जल में ही पनपते हैं. सप्ताह में कम से कम एक बार पानी की टंकी, गमलों, कूलर, फ्रीज ट्रे, फूलदान आदि को साफ रखें. एडिस मच्छर मुख्यत : शरीर के निचले हिस्से में काटता है. अत: हाथ व पैरों को ढंक कर रखें. बच्चों को पूरी बांह के शर्ट व फुलपैंट पहना कर रखें. घर का कोना-कोना साफ रखें, पर्दों की पीछे की सफाई पर विशेष ध्यान रखें, रात में सोने के वक्त हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें, संभव हो तो, मेडिकेटेड मच्छरदानी का प्रयोग करें. बुखार होने पर खूब पानी पियें और आराम करें.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए सदर अस्पताल में पांच जांच कीट उपलब्ध कराये गये हैं. स्थिति को देखते हुए और जांच कीटों की खरीदारी की जायेगी. दशहरा के अवसर पर बाहर से बहुत सारे लोग औरंगाबाद पहुंचते हैं. ऐसी स्थिति में डेंगू की मरीजों की संभावना बढ़ सकती है, जिसे देखते हुए पर्व के समय जांच कीट की खरीदारी की जायेगी. हालांकि, अब तक जिले में डेंगू के मरीज नहीं पाये गये हैं. बाहर से आये मरीजों में डेंगू के लक्षण पाने पर उनका इलाज किया गया. प्रारंभिक जांच की व्यवस्था अस्पताल में बना ली गयी है. विशेष परिस्थिति में ही मरीजों को रेफर किया जायेगा. इसके अलावे चिकित्सा कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश भी दिये गये हैं.
डॉ राम प्रताप सिंह, सिविल सर्जन, औरंगाबाद
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