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दवा व मोबाइल दुकान में लगी आग, घर छोड़ भागा परिवार
औरंगाबाद शहर : औरंगाबाद शहर के सिन्हा कॉलेज मोड़ पर घटी भीषण अगलगी की घटना में दो दुकानें जल कर राख हो गयीं. मोबाइल और दवा दुकान में लगी आग के पीछे शॉर्ट सर्किट होना वजह बतायी जा रही है. इस घटना में एक लाख रुपये नकद सहित लगभग सात लाख रुपये का सामान जल […]
औरंगाबाद शहर : औरंगाबाद शहर के सिन्हा कॉलेज मोड़ पर घटी भीषण अगलगी की घटना में दो दुकानें जल कर राख हो गयीं. मोबाइल और दवा दुकान में लगी आग के पीछे शॉर्ट सर्किट होना वजह बतायी जा रही है. इस घटना में एक लाख रुपये नकद सहित लगभग सात लाख रुपये का सामान जल गया है.
घटना की सूचना दुकान मालिकों को तब हुई, जब शनिवार की सुबह सड़क से गुजर रहे लोगों ने दुकान के बाहर धुआं निकलते दिखा. आनन-फानन में दुकान मालिक व स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने के लिये पहले तो शटर खोलने का प्रयास किया, लेकिन गरम होने के बाद शटर का लॉक बैंड हो गया था. इसके बाद शटर को तोड़ा गया. घटना की सूचना पाकर फायर बिग्रेड का दमकल भी पहुंच गया. लगभग एक घंटे के मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. लेकिन, तब तक सारा समान राख के ढेर में तब्दील हो गया था. लोगों के अनुसार मोबाइल दुकान में हाइ व लो वोल्टेज की समस्या के बाद शॉर्ट सर्किट हुआ. मोबाइल दुकान से आग दवा दुकान में पहुंच गयी.
दुकान बंद होने के कारण आग पर काबू पानेमें लोग असमर्थ दिखे. स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने का हर संभव प्रयास किया. दवा दुकान उदय प्रकाश और फकीरानंद यादव की है. इन लोगों के अनुसार दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि मोबाइल दुकान एकौना गांव के संतोष कुमार की है. वर्षों से नंद मार्केट में दोनों दुकान संचालित थी. संतोष कुमार की मोबाइल दुकान में लगभग एक लाख रुपये नकद सहित पांच लाख रुपये का समान जला है. दोनों दुकान मालिकों ने घटना की सूचना नगर थाना पुलिस को दी है.
तिनका-तिनका जोड़ कर खुलवायी थी दुकान
अगलगी की घटना में मोबाइल दुकान का सारा समान जल कर राख हो गया. घटना की सूचना पाकर संतोष की मां बेदामी देवी बदहवास दौड़ती अपने दुकान पर पहुंची और अगलगी का मंजर देखकर सुध-बुध खो बैठी. दुकान में रखे एक लाख रुपये के नोट के बंडल में अधिकांश नोट जल गये थे.
बचे नोट भी धुआं से काला पड़ गये थे. अगर समय पर आग नहीं बुझती तो बचे हुए नोट भी राख में बदल जाते. जले व बचे हुए नोटों को देखते ही बेदामी फफक पड़ी. राेते हुए बेदामी के मुंह से बस एक ही बात निकल रही थी कि तिनका-तिनका जोड़कर बेटे की दुकान खोलवायी थी. सोचा था कि इस दुकान से परिवार की गृहस्थी चलेगी, लेकिन सब कुछ तबाह व बरबाद हो गया.
किस्मत को कोसते हुए बिलखती बेदामी ने कहा कि अब समझ में नहीं आ रहा कि क्या होगा. कौन करेगा मदद. यही स्थिति फकीरानंद यादव की भी थी. फकीरा ने बताया कि घर के नीचे ही दवा दुकान खोल कर एक परिवार की रोजी-रोटी की व्यवस्था कर दी थी. घटना में सारे सामान तो जल ही गये, कई कीमती कागजात भी जल कर राख हो गये.
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