जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
औरंगाबाद (सदर) : एनपीजीसी के दैनिक मजदूरों के साथ किये जा रहे शोषण को बंद किया जाये. उनके विरुद्ध की जा रही दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगनी चाहिए. ये बातें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने गुरुवार को शहर के सर्किट हाउस में एक प्रेसवार्ता के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि एनपीजीसी के कार्य को फिर से पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है. साथ ही मजदूरों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने व बिजली मजदूर कांग्रेस इंटक की एनपीजीसी शाखा अध्यक्ष वरुण सिंह व सचिव भोला यादव सहित अन्य निर्दोष के विरुद्ध दर्ज मुकदमा को वापस लेने की बातें जिला प्रशासन से कहीं गयी हैं. श्री सिंह ने पत्रकारों को बताया कि एनपीजीसी में कार्यरत दैनिक मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी के अतिरिक्त श्रम कानूनों के तहत सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत सरकार द्वारा इसकी सघन जांच हाल ही में करायी गयी थी, जिसमें दोष पाया गया है. उप मुख्य श्रमायुक्त, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार पटना के कार्यालय द्वारा निर्देशित किये जाने के बावजूद मजदूरों को हाइट एनाउंस आदि का भुगतान नहीं किया जा रहा. यहां तक की मजदूरों का वेतन भुगतान बैंक से करने पर ठेकेदार व प्रबंधन दोनों सहमत नहीं हो रहे और न ही उनके द्वारा मजदूरों को वेतन भुगतान परची दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जहां तक वर्तमान घटना का सवाल है तो मजदूरों की ओर से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाया जा रहा था. परंतु, प्रबंधन व ठेकेदार की हठधर्मिता के चलते प्लांट का काम बंद हो गया.
मजदूरों की समस्याओं को जानने के बजाय उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की गयी. बिचौलियों द्वारा मजदूरों को भड़काया गया, जिसके कारण इस आंदोलन ने दूसरा रूप ले लिया. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटना की जांच न्यायिक जांच कराने की मांग की.
इंटक की ओर से पूरे मामले की छानबीन के बाद एक विस्तृत प्रतिवेदन केंद्र व राज्य सरकार के अतिरिक्त मानवाधिकार आयोग का भेजा जायेगा. इस गोली कांड की जांच की मांग की जायेगी. साथ ही घायल मजदूरों को मुआवजे की मांग की भी जायेगी. इस दौरान स्थानीय विधायक आनंद शंकर, प्रखंड अध्यक्ष चंदन कुमार, प्रदीप सिंह , शैलेंद्र दूबे, सुजीत सिंह, अरुण सिंह, विनय सिंह व वीपी सिंह आदि मौजूद थे.