प्राचीन कुटुंबा गढ़ की खुदाई में मिले हैं 10 हजार वर्ष पहले के अवशेष नये साल में सीएम से संग्रहालय की उम्मीद कई बाद कुटुंबा गढ़ की खुदाई शुरू हुई, पर पूरा नहीं हो सका नीतीश कुमार के आदेश पर भी की गयी खुदाईमिले अवशेषों के लिए संग्रहालय बनाने का दिया था आश्वासनफोटो नंबर-12,13,खुदाई में मिले अवशेष,खुदाई में मिले अवशेषों के बारे में बच्चों को बताते पुरात्व विभाग के लोगऔरंगाबाद/कुटुंबा. प्राचीन कुटुंबा गढ़ पर कई बार खुदाई का काम शुरू किया गया, पर अब तक पूरा नहीं हो सका. हालांकि गढ़ के कई भागों में 30 फुट तक खुदाई की गयी और उससे प्राप्त अवशेषों को संयोग कर रखा गया है. सबसे पहले हाइस्कूल व स्टेडियम के निर्माण के क्रम में कई अवशेष प्राप्त हुए थे, जिससे इसे प्राचीन होने का अनुमान लगाया गया और स्टेडियम का निर्माण भी रोक दिया गया. कई वर्षों बाद सीएम नीतीश कुमार जब सेवायात्रा के दौरान यहां आये तो उन्होंने गढ़ की खुदाई कराने की बात कही. सीएम के निर्देश पर पुरात्व विभाग के तहत बिहार विरासत समिति द्वारा खुदाई करायी गयी. खुदाई से प्राप्त अवशेषों के आधार पर विरासत समिति के अनंतासुतोष द्विवेदी ने गढ़ को 10 हजार वर्ष पहले के इतिहास से जोड़ कर बताया था. इसे लेकर विरासत समिति व उस समय के तत्कालीन विधायक ललन राम सीएम से मिलकर यहां आने व संग्रहालय बनाने की मांग की थी. विधायक ने बताया था कि सीएम ने आने का आश्वास दिया है और संग्रहालय बनाने पर भी मौखिक स्वीकृति दी है. पर, अब तक न तो यहां सीएम आये और न ही संग्रहालय बनाने की कोई पहल की जा सकी. भूगोल बता रहा गढ़ का इतिहास : कुटुंबा गढ़ पर खड़ा होते ही इसकी भगोलिक परिदृश्य इसके इतिहास को रेखांकित करने लगता है. चारों ओर सुसज्जित पत्थर बाउंड्री रही होगी. वहीं चारों कोने काफी उच्चे हैं जो बताते हैं कि सभी कोने पर सुरक्षा प्रहरी तैनात होते थे. गढ़ पर स्थित खेल मैदान को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि इस मैदान में राजा के सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जाता होगा. खेल मैदान के समीप प्राचीन पक्के के बने कुएं का उपयोग सैनिक पानी पीने व स्नान करने के लिए करते होंगे. गढ़ में मिले प्राचीन मुर्तियों के साथ तपस्यारत पार्वती की खंडित मूर्तियां, शिव लिंग का खंडित भाग, विष्णु, भगवान बुद्ध, डेढ इंच के गणेश की अदभुत मुर्तियां, दुर्लभ कलाकृतियों का नमूना को देखने से पता चलता है कि यहां प्राचीन काल में किसी हिंदू का साम्राज्य होगा. वे लोग प्रतिमाओं की पूजा पाठ करते होंगे. कुछ बुजुर्ग बताते हैं कि यह प्राचीन गढ़, जैनियों का मठ व प्राचीन शासकों में पालवंश व छत्रीय वंश का किले के रूप में प्रयुक्त होता होगा. प्राचीन काल में गढ़ के अंदर के भाग में राजा व रानी एक ही साथ जौहर किये थे. हाइस्कूल के गेट से आगे आज भी कुटुंबा के ग्रामीणों द्वारा उक्त स्थान पर विधिवत पूजा-पाठ की जाती है. गढ़ के चर्तुदीक भागो में दधपा गढ़, कसौटी गढ़, जगदीशपुर गढ़, चनकप गढ़, तमसी गढ़, तुरता गढ़, परसा, सुही, बड़वान गढ़ आदि स्थित है. कुछ लोग यह भी बताते हैं कि प्राचीन काल में राजा के सैनिकों की इन गढ़ों पर छावनी रही होगी और वे वहीं से राज्य की सुरक्षा करते होंगे. विरासत समिति द्वारा इन गढ़ों का भी सर्वे किया गया था. समिति इन गढ़ों की खुदाई कराने की बात भी कही थी. गढ़ के समीप में ही पालवंश के शासन काल का बना हुआ पक्का कुंआ आज भी देखने को मिलता है. गढ़ के नीचे राजा को स्नान करने के लिए एक तालाब व इससे जुड़ा हुआ दक्षिणी भाग में मलहा-सलहा का तालाब आज भी मौजूद है. संभवत: इस मलहा सलहा-तालाब का उपयोग राजा के दरबारी करते होंगे.सौंदर्य बिखेर रहा है गढ़ : कुटुंबा का प्राचीन गढ़ सौंदर्य का छटा बिखेर रहा है. गढ़ स्थित उच्च विद्यालय, खेल मैदान, चारों तरफ की चाहरदीवारी की पहचान, देवी देवताओं की प्रतिमाएं व बाग बगीचे के साथ-साथ मनोरम दृश्य देखने में बड़ा ही आकर्षक है. सरपंच प्रतिनिधि नेसार अहमद बताते हैं कि यह गढ़ नमुना है. गढ़ अपने दामन में संजोये हुए प्रकृति की छटा बिखेर रहा है.क्या है गढ़ का बनावट : 52 एकड़ भूमि में पसरा गढ़ की बनावट भी गढ़ के इतिहास का प्रतिक है. गढ़ के चारों ओर बड़े-बड़े पत्थर चाहरदीवारी की तरह सजे हैं तथा इसके चारों कोने काफी उच्चे हैं. गढ़ पर स्थित एक बहुत बड़ा खेल मैदान है. मैदान के समीप ही प्राचीन पक्का कुआं है. गढ़ में मिली प्राचीन मुर्तियों के साथ तपस्या के मुद्रा में पार्वती की खंडित मूर्तियां, शिव लिंग का खंडित भाग, विष्णु, भगवान बुद्ध, गणेश की अद्भुत मुर्तियां, दुर्लभ कलाकृतियों के नमूने हैं.
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प्राचीन कुटुंबा गढ़ की खुदाई में मिले हैं 10 हजार वर्ष पहले के अवशेष
प्राचीन कुटुंबा गढ़ की खुदाई में मिले हैं 10 हजार वर्ष पहले के अवशेष नये साल में सीएम से संग्रहालय की उम्मीद कई बाद कुटुंबा गढ़ की खुदाई शुरू हुई, पर पूरा नहीं हो सका नीतीश कुमार के आदेश पर भी की गयी खुदाईमिले अवशेषों के लिए संग्रहालय बनाने का दिया था आश्वासनफोटो नंबर-12,13,खुदाई में […]
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