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संघ के खेल, योग व वंदना से जुड़ रहे बच्चे

संघ के खेल, योग व वंदना से जुड़ रहे बच्चेयोग व खेल के माध्यम से बच्चों के सामाजिक चेतना जगाने में लगी है आरएसएस(फोटो नंबर-7,8)कैप्शन- पद संचलन में शामिल स्वयंसेवक एवं सूर्य नमस्कार करते बच्चे औरंगाबाद (सदर) इन दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा की सामान्य गतिविधियों खेल, योग व वंदना से बच्चे जुड़ […]

संघ के खेल, योग व वंदना से जुड़ रहे बच्चेयोग व खेल के माध्यम से बच्चों के सामाजिक चेतना जगाने में लगी है आरएसएस(फोटो नंबर-7,8)कैप्शन- पद संचलन में शामिल स्वयंसेवक एवं सूर्य नमस्कार करते बच्चे औरंगाबाद (सदर) इन दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा की सामान्य गतिविधियों खेल, योग व वंदना से बच्चे जुड़ रहे हैं. साथ ही सांस्कृतिक पहलुओं पर होने वाले परिचर्चा में भी युवा शामिल हो रहे हैं. संघ लोगों में सामाजिक चेतना जगाने के लिए इसे प्रभावकारी कार्य मान रहा है. सामाजिक कार्यों को रेखांकित कर संघ युवाओं को इनसे जुड़ने की शिक्षा भी दे रही है. आरएसएस इस कार्य को शाखा के माध्यम से सफल कर समाज को एक नयी दिशा में देने में लगा है. न सिर्फ सामाजिक कार्य बल्कि योग व खेल के माध्यम से बच्चे, युवा व वृद्धों को शारीरिक रूप से प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. शाखा में खेल, सूर्य नमस्कार, परेड, गीत व प्रार्थना से औरंगाबाद की नयी पीढ़ी परिचित हो रहा हैं. जिले के कई स्थानों पर लगने वाले शाखाएं में नियमित लोग पहुंच रहे हैं. जिन्हें सामाजिक कार्यों के प्रति प्रेरित किया जा रहा है. संघ के पुराने स्वयंसेवक सह हिंदू युवा के समन्वयक अनिल सिंह ने बताया कि संघ द्वारा आयोजित बौद्धिक गोष्ठियां तो सामाजिक चेतना जगाने के लिए कारगर है ही, लेकिन पारंपरिक छवि को बदलने में खेल, योग व वंदना की भूमिका के साथ-साथ सेवा कार्य प्रभावकारी साबित हो रहा है. संघ से युवा व बच्चे संस्कार सीख रहे हैं. संघ की प्रेरणा से काम में लगे हैं युवा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनेक इकाई अपनी-अपनी तरफ से सामर्थ्य अनुसार समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सेवा व कार्य करने में जुटी है. औरंगाबाद के न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेवा कार्य की गतिविधियां जारी है. संघ के जिला सह संघचालक शिवनंदन पांडेय बताते हैं कि औरंगाबाद जिले के प्रखंडों में भी नियमित शाखाएं लग रही है. सामाजिक समरसता के लक्ष्य को लेकर देश भर में अभियान चल रहा है. आरएसएस के अनेक आनुषंगिक संगठन अपनी-अपनी तरह से सामर्थ्य अनुसार समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सेवा व विकास कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एकल विद्यालय की करीब 40 शाखाएं पूरे जिले में चल रही है. वहीं संघ से जुड़े अभाविप कार्यकर्ता 11 प्रखंडों के सभी महाविद्यालयों में अपने-अपने तरीके से विकास कार्य में लगे हैं. वनवासी क्षेत्रों में संघ के संगठनों का विस्तृत जारी है. वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य मुलभूत सुविधाओं की चिंता के अलावा उनकी रक्षा करने की संघ प्रेरित संस्थाओं जैसे वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद का प्राथमिक कार्य चल रहा है. समय-समय पर संघ शिक्षा वर्ग भी : संघ द्वारा किसी खुले मैदान या खुली जगह पर शाखा आयोजित की जाती है. शाखा में खेल, सूर्य नमस्कार, परेड, गीत व प्रार्थना होती है. संघ द्वारा लगायी जाने वाली शाखा मुख्य रूप से दो चरणों में बंटी होती है. प्रभात शाखा व सायं शाखा. इन दिनों शाखा में बच्चों की संख्या रह रही है. समय-समय पर संघ शिक्षा वर्ग भी आयोजित करती है. स्वयंसेवक सह अभाविप के प्रदेश सह मंत्री दीपक कुमार, सौरभ कुमार, सचिन कुमार ने बताया कि हाल ही में संघ के नगर स्वयंसेवकों को शिक्षा वर्ग में शामिल होने का अवसर मिला था. शिक्षा वर्ग में प्राथमिक वर्ग, प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष होते हैंं. इसका आयोजन जिला, प्रांत व क्षेत्र के आधार पर तय किया जाता है. उन्होंने बताया कि जल्द ही संघ द्वारा गया में शिक्षा वर्ग होनेवाला है.

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