कस्तूरबा विद्यालय छात्राओं के लिए साबित हो रहा मिल का पत्थरमदनपुर (औरंगाबाद).अर्थाभाव में शिक्षा से वंचित हो चुके ग्रामीण क्षेत्र की बच्चियों को पुन: शिक्षा से जोड़ने में मदनपुर का कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मील का पत्थर साबित हो रहा है. इस विद्यालय में वर्ग छह से आठ तक 100 बच्चियों के शिक्षा के लिए आवासीय व्यवस्था है. विद्यालय चलानेवाले रंजीत कुमार सिंह की माने तो इस विद्यालय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक समुदाय की बच्चियों का नामांकन है. बच्चियों को आवासीय व्यवस्था में मीनू के अनुसार भोजन के साथ पाठ्य सामग्री के अलावे ड्रेस, दैनिक उपयोग की वस्तु, बिछावन, कंबल, मच्छरदानी आदि उपलब्ध होती है. इन बच्चियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ कौशल विकास में सिलाई, कटाई, बुनाई, बांस कला से सजावट वस्तुएं बनाने, शिल्प कला आदि विषयों का प्रशिक्षण प्रशिक्षकों द्वारा दिये जाते हैं ताकि बच्चियां विद्यालय के बाद स्वावलंबन के दिशा मे अपने पैरों पर खड़ी हो सकी. बच्चियों में साहस, आत्म सुरक्षा व साहस की भावना को विकसित करने के लिए कुशल प्रशिक्षकों से जुडो कराटे आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है. विद्यालय में वार्डेन सरिता कुमार, शिक्षिका प्रीति कुमारी, कुमारी जय प्रिया, अनिता कुमारी बच्चियों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य शारीरिक व मानसिक रूप से संबल बनाने में लगी है.
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कस्तूरबा वद्यिालय छात्राओं के लिए साबित हो रहा मिल का पत्थर
कस्तूरबा विद्यालय छात्राओं के लिए साबित हो रहा मिल का पत्थरमदनपुर (औरंगाबाद).अर्थाभाव में शिक्षा से वंचित हो चुके ग्रामीण क्षेत्र की बच्चियों को पुन: शिक्षा से जोड़ने में मदनपुर का कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मील का पत्थर साबित हो रहा है. इस विद्यालय में वर्ग छह से आठ तक 100 बच्चियों के शिक्षा के […]
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