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कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान व दान का है विशेष महत्व : मृत्युंजय पाठक

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान व दान का है विशेष महत्व : मृत्युंजय पाठक औरंगाबाद कार्यालयपूरे वर्ष में 12 पूर्णिमा होते हैं, जिसमें कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान व दान का बड़ा महत्व वेद व पुराणों में है. कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बताते हुए गणपति मंदिर के पुजारी मृत्युंजय ने कहा है […]

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान व दान का है विशेष महत्व : मृत्युंजय पाठक औरंगाबाद कार्यालयपूरे वर्ष में 12 पूर्णिमा होते हैं, जिसमें कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान व दान का बड़ा महत्व वेद व पुराणों में है. कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बताते हुए गणपति मंदिर के पुजारी मृत्युंजय ने कहा है कि कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक महा बलवान असुर का अंत किया था. इस दिन भगवान शिव का दर्शन व पूजा करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी व धनवान होता है. मान्यता यह भी है कि इस पूर्णिमा को पूरे दिन व्रत रख कर रात में बछड़ा दान करे, तो शिव पद की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा है कि वैष्णव मत में इस पूर्णिमा को बहुत अधिक मान्यता मिली है. इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था. इसलिए इस पूर्णिमा को महाकर्तिकी भी कहा गया है. यदि इस पूर्णिमा के दिन भरणी नक्षत्र हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ करने से संसारिक पाप व ताप नष्ट होता है. शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवं धर्म स्थान में जैसे गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या, काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.11 वर्ष बाद बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा : मृत्युंजय पाठक के अनुसार 11 वर्ष के बाद बुधवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा आया है. यह काफी शुभ और फलदायक है. लेकिन बुधवार के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इस दिन पवित्र सरोवर और नदी में स्नान कर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. खासकर गणपति भगवान को दूब के साथ लड्डू चढ़ाया जाये तो उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

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