आक्रोश की एक सीमा हो, कानून व्यवस्था पर करें विश्वास : एसपी औरंगाबाद (सदर) अक्सर लोगों में सरकारी तंत्र व पुलिसिया कार्य प्रणाली के प्रति नाराजगी रहती है. थोड़ी सी चूक ने पूरे व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये है. पर, देखा जाये तो अधिकतर मामले पुलिस की मदद के बिना कोई निष्कर्ष भी नहीं निकल पाया है. इतना तो तय है कि पुलिस के बिना समाज सूखद भविष्य की कल्पना नहीं कर सकता. फिर क्या वजह है कि अपने ही रक्षक, सेवक पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पर लोग उतारू हो जाते हैं. वैशाली जिले के लालगंज थाना अंतर्गत सड़क हादसे में हुई दादा-पोती की मौत के बाद भड़की भीड़ ने जिस प्रकार से बर्बरता का परिचय देते हुए एक दारोगा को पीट-पीट कर मार डाला, उससे अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस घटना के बाद जहां एक ओर पुलिस-प्रशासन चिंतित हैं, वहीं आम लोगों में भी इस घटना की चर्चा हो रही है. ऐसे में यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि पुलिस के मदद के बिना क्या समाज सुरक्षित जीवन की कल्पना कर सकती है. या पुलिस व्यवस्था के बिना सामाज निर्भय रूप से चल सकता है. इन्ही सवालों पर शहर के कुछ समाजसेवी व राजनीतिक कार्यकर्ताओं व पुलिस पदाधिकारी की राय ली गयी. —————किसी भी घटना के बाद भीड़ को संयम बरतना चाहिए . पुलिस व्यवस्था पर विश्वास बनाये रखने की जरूरत है, राज्य के किसी भी क्षेत्र में अगर इस प्रकार की घटना होती है तो वहां अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए कई संस्थाएं हैं. जनता अपने आक्रोश की सीमा में रहकर कानून व्यवस्था को कायम रखते हुए न्यायालय, जनप्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन व वरीय अधिकारियों से अपनी शिकायत कर सकते हैं. किसी भी घटना पर आक्रोशित होना जायज नहीं है. मारे गये पुलिस के जवान के प्रति हमारी गहरी संवेदना है. इश्वर से प्रार्थना है कि भविष्य में इस तरह की घटना दुबारा कहीं न हो.एसपी बाबू राम,औरंगाबाद——————-वैशाली की घटना पर लोगों का नजरिया वैशाली में दारोगा की पीट-पीट कर की गयी हत्या मानवता को शर्मसार करती है. वैसे पूरे राज्य में जो अनियंत्रण की स्थिति उत्पन्न हो रही है, वो जैसा राजा वैसी प्रजा का उदहारण है. समाज को राज्य सत्ता को पीछे रखते हुए स्वविवेक से संवेदनशील बनना होगा. एक दूसरे की प्रतिष्ठा, पद, धन की चिंता व रक्षा करनी होगी. इस घटना को एक सभ्य समाज कभी नहीं स्वीकार सकता. दोनों मृतकों के प्रति हमारी भावभिनी श्रद्धांजलि है.अनिल कुमार सिंह, प्रांतीय संयोजक, हिंदू युवागुस्सायी भीड़ द्वारा पुलिस पर की गयी कार्रवाई कहीं से सही नहीं है. इस तरह की व्यवस्था उत्पन्न नहीं होना चाहिए. कुछ असामाजिक तत्वों के कारण ही राज्य में ये स्थिति उत्पन्न हुई है. अपराधी कौन हैं, इसपर पुलिस को गंभीरता से कार्य करना होगा. सरकार को बदनाम करने की साजिश भी हो सकती है. यह पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. कुछ लोग उपद्रवी प्रवृति के होते हैं, जनता इनका साथ न दे, अपने विवेेक से काम लें और राज्य की व्यवस्था को बनाये रखने में पुलिस की मदद करें.डाॅ चंदन कुमार, पूर्व मुखियामानवता की दृष्टि से यह बेहद दुखद है. कुछ अपराधिक तत्वों के वजह से राज्य की पूरी जनता बदनाम हुई है. भविष्य में इसकी पुर्नावृति न हो इस पर पुलिस को कार्य करने की जरूरत है. राज्य सरकार की उच्च संस्थाओं में पुलिस कार्य करती है. पुलिस को चाहिये लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण व्यवहार कायम करे और जनता में सरकार के प्रति विश्वास भी. पुलिस को पीट-पीट कर मार देना जनता द्वारा उचित कार्रवाई नहीं है. इस पर संवेदनशील बनकर सोचने की आवश्यकता है.मुकुल अकेला, समाजसेवीवैशाली के लालगंज थाना अंतर्गत हुई घटना के पीछे अपराधिक प्रवृति के लोगों का हाथ है. भीड़ को भड़काया गया होगा. बिहार की जनता बेहद सजग है. वो कभी भी कानून व्यवस्था को हाथ में नहीं ले सकती. बहुत बड़ीं गलती है. इसको दोहराया नहीं जाना चाहिए. मारे गये दारोगा के परिवारिक पृष्टभूमि को भी ध्यान में रखकर सोचा जाये, तो वो पुलिस होते हुए भी एक इंसान था और उसका भी एक संसार था. बेहद दूखद घटना है ये. आलोक कुमार, समाजसेवीआक्रोश व्यक्त करने के लिए अक्रामक होना ठीक नहीं है. राज्य में न्यायपालिका व कानून व्यवस्था भी है, जहां हम मदद की अपील कर सकते हैं. ये व्यवस्था ही जनता को न्याय दिलाने के लिए स्थापित की गयी थी. अक्रामक होकर किसी को आहत पहुचाना मानवता की दृष्टिकोण से बेहद दूखद व चिंतनीय है. मेरी सहानूभूति पुलिस प्रशासन के साथ है. इस तरह की घटना में जनता सूझ-बुझ से काम लें.अरूणंजय कुमार, सचिव रोटरी क्लबफोटो नंबर-20 अरूणंजय कुमारफोटो नंबर-21 आलोक कुमारफोटो नंबर- 22 अनिल सिंहफोटो नंबर- 23 डा. चंदनफोटो नंबर-24 मुकूल अकेलानोट:- एसपी का फोटो पूर्व में भेजा गया है लगा देंगे
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आक्रोश की एक सीमा हो, कानून व्यवस्था पर करें वश्विास : एसपी
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