मदनपुर (औरंगाबाद) : सरकार द्वारा बारिश के अभाव में धान की फसल बचाने के लिए डीजल अनुदान देने की घोषणा दो माह पहले की गयी थी. लेकिन, किसानों को अनुदान नहीं मिल पाया. किसान महंगे दामों पर डीजल खरीद कर अपने धान की फसल को तीन से चार पटवन दे कर बचा रहे हैं.
जबकि सरकार द्वारा डीजल अनुदान के रुपये जिला मुख्यालय को दो माह पहले ही प्राप्त हो चुका था. लेकिन, रुपये वितरण नहीं किये गये. माया बिगहा निवासी पूर्व जिला पार्षद व किसान गुप्तेश्वर यादव ने बताया कि किसी भी सरकार में किसान उपेक्षित रहते हैं. डीजल पटवन में जान बूझ कर पदाधिकारियों द्वारा विलंब किया जाना इस बात का द्योतक है कि किसानों के लिए उनके कलेजे में कोई दर्द नहीं है. मदनपुर प्रखंड में अधिकांश इलाके में बारिश आधारित खेती होती है. किसान जो अन्नदाता हैं इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. घटराइन के संजीव सिंह की माने तो किसान कर्ज लेकर अपनी धान की फसल बचाये हैं. दो माह बाद पटवन के रुपये बांटा किसी भी दृष्टि से न्यायसंगत नहीं है.
इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार व उसके अधिकारी की सोच किसानों के प्रति ठीक नहीं है. मदनपुर प्रखंड प्रमुख उत्तम पासवान ने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं. मैं किसान के दर्द को भलीभांति जानता हूं. मदनपुर के किसानों को धान की फसल बचाने में सिर्फ डीजल पटवन का अनुदान देना उनके जख्म पर मलहम लगाने के समान है. मैंने पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया है. मदनपुर प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करते हुए किसानों को फसल क्षति का अनुदान दिया जाना चाहिए. आदेश के बाद ले रहे हैं फॉर्म प्रखंड कृषि पदाधिकारी हंस कुमार अचल ने बताया कि मुझे जब पदाधिकारी का आदेश प्राप्त हुआ तब मैं डीजल पटवन वितरण का फाॅर्म जमा ले रहा हूं. क्षेत्र भ्रमण के क्रम में मैंने देखा है कि किसान अपनी फसल बचाने लिए डीजल से पटवन कर रहे हैं.