औरंगाबाद (कोर्ट) : जिला पर्षद के सभागार में गुरुवार को श्रम विभाग के तत्वावधान में बाल श्रम उन्मूलन व विभिन्न श्रम अधिनियमों को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता इंटक जिलाध्यक्ष उपेंद्र यादव ने किया.
इस कार्यशाला में बाल श्रम से जुड़ी नियमों की जानकारी जनप्रतिनिधियों को दी गयी. कार्यशाला में उपस्थित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि बाल श्रम नियम पूरे देश में लागू है. यदि नियम के विपरीत जो बाल मजदूरों से श्रम करवाते हैं, उनके लिए दंड का प्रावधान है.
विभिन्न अधिनियम के तहत अलग–अलग दंड लगाया जा सकता है. इसमें कारावास से लेकर अर्थदंड तक शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कभी–कभी कमी के कारण सरकार के सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल पाता है. इसकी मुख्य वजह है कि सड़क निर्माण के साथ अन्य जगहों पर काम करने वाले मजदूरों का कोई रिकार्ड नहीं होगा.
मजदूर चिकित्सा सहायता राशि, दुर्घटना बीमा आदि का लाभ ले सकते हैं. चाहे वो एपीएल धारक या बीपीएल धारक के हों. उन्होंने कहा कि मजदूरों का हक व अधिकार श्रम अधिनियम के तहत दिया जायेगा. सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी ही श्रमिकों को मिलनी चाहिए. उन्होंने बढ़ते बाल श्रम पर चिंता जाते हुए कहा कि बाल मजदूर उन्मूलन के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों से सहयोग की अपेक्षा है.
इस मौके श्रम अधीक्षक अमरेंद्र नारायण, अनिल कुमार वर्णवाल, महेंद्र चंद्र झा, फरहत, मुखिया उमा देवी, संजय कुमार यादव, राजेंद्र नोनिया, बबलू कुमार सिंह, अनिल गिरी, कार्यकारी प्रमुख अमित कुमार पिंटू, खैरा पंचायत मुखिया पिंटू सिंह, सोहन चौरसिया, भरत ठाकुर आदि थे.