औरंगाबाद (नगर): जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा किये गये बिहार-झारखंड बंद का असर दूसरे दिन भी देखने को मिला. जिला मुख्यालय के रामा बांध बस स्टैंड से रांची, टाटा, धनबाद, बोकारो, कोलकाता, बंगाल, डालटेनगंज, गढ़वा सहित अन्य स्थानों पर जाने वाली बसें नहीं खुली. इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके अलावे हसपुरा, देव, मदनपुर, नवीनगर, टंडवा, अंबा, कुटुंबा बाजार की सभी दुकानें बंद रही.
अंबा प्रतिनिधि के अनुसार, माओवादी बंदी के दूसरे दिन मंगलवार को अंबा की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. बाजार की सभी दुकानें बंद रही और यात्री वाहन भी नहीं चले. यात्र करने वालों को टेंपो का सहारा लेना पड़ा. हालांकि, पूर्व से बंद की एलान होने के कारण कम ही लोग यात्र पर निकले. लगन के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. ब्लॉक व अंचल कार्यालय में भी सन्नाटा सा रहा. वाहन नहीं चलने के कारण कई कर्मचारी भी प्रखंड कार्यालय नहीं पहुंचे. माओवादी बंदी के दौरान मंगलवार को पीएनबी, इलाहाबाद व मध्य बिहार ग्रामीण बैंक बंद रहे. हालांकि, कर्मचारी बैंक खोल कर अपना कार्य करते रहे, पर ग्राहकों का सेवा बंद रहा . लगातार दूसरे दिन बैंकिंग कार्य नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. माओवादी के बंदी को लेकर अंबा व कुटुंबा पुलिस तटस्त रही. सड़कों पर गश्त जारी रहा. बंदी में कहीं कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए प्रखंड के चारों थाने की पुलिस गश्ती में रही.
रफीगंज प्रतिनिधि के अनुसार, भाकपा माओवादी द्वारा बंदी दूसरे दिन रफीगंज प्रखंड क्षेत्र के प्रमुख सड़कों पर वाहनों का आवागमन बंद रहा. रफीगंज – शिवगंज, कासमा- खिरियावां, रफीगंज-बराही, रफीगंज-भदवा, भदवा-जाखिम सड़कों पर वाहनों का परिचालन पूर्णत: ठप रहा. इसी बीच कासमा, पौथू, बराही बाजार बंद रहे. रफीगंज शहर में दुकानें खुली रही.
बंद का व्यापक असर यात्रियों पर पड़ा. लगन के समय में अपने रिश्तेदार के घर जाने के लिए जहां दस रुपये भाड़ा देकर लोग पहुंच जाते थे, वहीं ऑटो चालकों द्वारा 100-200 रुपये भाड़ा वसूल कर पहुंचाया गया. नवीनगर प्रतिनिधि के अनुसार, माओवादी बंदी के दूसरे दिन भी नवीनगर प्रखंड क्षेत्र में व्यापक असर रहा. एनटीपीसी व एनपीजीसी बिजलीघर परियोजना में काम पूरी तरह ठप रहा. नवीनगर शहर समेत रामनगर, टंडवा, बड़ेम,कोइरीडीह, तेतरिया मोड़, माली, बरियावां आदि सभी छोटे-बड़े हाट बाजार की दुकानें बंद रही. बंद से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा. सड़कों पर एक भी सवारी वाहन नहीं चले. यहां तक कि बैंक से लेकर पोस्टऑफिस तक में भी ताला लटके रहे. इसके कारण लोगों को इस लगन के दौड़ में काफी परेशानी से गुजरना पड़ा.