औरंगाबाद (ग्रामीण) : औरंगाबाद का विद्युत विभाग संवेदनहीन हो गया है. शहरवासियों की परेशानी से इस विभाग का कोई नाता नहीं है. अपनी मनमर्जी से चलानेवाले बिजली विभाग के पदाधिकारियों को शहर के उपभोक्ताओं को हो रही परेशानियों से कोई मतलब नहीं है.
किसी जगह तार टूट कर लटक रहा है, तो किसी जगह पर ट्रांसफॉर्मर खराब हो गया है. इन समस्याओं से किसी को कोई मतलब नहीं रह गया है. अधिकारियों को मतलब तब होता है, जब उन्हें किसी व्यक्ति द्वारा परेशानी से आजिज आकर सूचना दी जाती है. अगर हाल के समय हम बात करें, तो विद्युत विभाग की मनमानी व अनियमितता लोगों के लिए परेशानियों का सबब बना है.
औरंगाबाद शहर में बिजली आपूर्ति पूरी तरह चरमरा चुकी है. पिछले 30 घंटों में चार से पांच घंटे ही आपूर्ति हुई. हालांकि शहर के कुछ मुहल्लों में आठ से 10 घंटे भी बिजली आपूर्ति होती है.
शिफ्ट में आपूर्ति से परेशानी
शहर में शिफ्ट की बिजली आपूर्ति से उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं. चितौड़नगर, रविदासनगर, शाहपुर, टिकरी मुहल्ला, पोखरा मुहल्ला, आजादनगर में लोगों को 15 घंटे बाद विद्युत की आपूर्ति की गयी.
विद्युत समस्या से तो लोग जूझ ही रहे है. जजर्र तार से अधिक परेशान है. नयी सब्जी मंडी, पुरानी सब्जी मंडी व धर्मशाला चौक के समीप तार टूट कर गिरने की घटना अक्सर होती है. कई बार इसकी सूचना स्थानीय लोगों द्वारा विभाग को दी गयी, लेकिन न तार बदला गया और न ही इस पर ध्यान दिया गया.
नयी सब्जी मंडी व धर्मशाला चौक के समीप पोल से निकले अर्थिग का तार बेहद खतरनाक हो गया है. हर समय जान–माल का खतरा बना रहता है. नयी सब्जी मंडी के समीप पिछले दो माह से एक दर्जन दुधारू पशुओं की मौत हो चुकी है. कई बार मनुष्य भी बाल–बाल बचा है.
गुरुवार को धर्मशाला चौक के समीप लगे पोल की चपेट में महुआ शहीद मुहल्ले का एक छात्र आ गयी. गनीमत रही कि वहां पर खड़े कुछ लोगों ने अपने साहस का परिचय देते हुए उसे बचाया.