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बेटियों में भी आगे बढ़ने की ललक, संसाधन रोड़ा
दाउदनगर (अनुमंडल) : सरकारी स्तर पर किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप छात्राओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जो छात्राएं मैट्रिक तक की पढ़ाई करने के बाद घर बैठ जाती है. अब, वह इंटर व स्नातक स्तरीय शिक्षा ग्रहण कर रही है. पंचायत स्तर पर हाइस्कूलों के 10+2 में तब्दील होने की […]
दाउदनगर (अनुमंडल) : सरकारी स्तर पर किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप छात्राओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जो छात्राएं मैट्रिक तक की पढ़ाई करने के बाद घर बैठ जाती है. अब, वह इंटर व स्नातक स्तरीय शिक्षा ग्रहण कर रही है.
पंचायत स्तर पर हाइस्कूलों के 10+2 में तब्दील होने की सरकारी योजना के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को इंटर तक की शिक्षा ग्रहण करने में सुविधा हुई है. अब उन्हें स्नातक स्तर की शिक्षा के लिए पंचायत से निकल कर कॉलेज तक आने की आवश्यकता महसूस हो रही है. इस मामले का दूसरा पहलू यह भी कहा जा सकता है कि 10+2 में तब्दील होने के बाद भी जो कोटा विभिन्न संकायों में संबंधित इंटर विद्यालयों को दिया जाता है.
उसमें इंटर स्कूलों के नजदीकी क्षेत्रों की सभी छात्राएं शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकती. इसके लिए उन्हें अनुमंडल मुख्यालय तक आने की ही आवश्यकता होती है. दाउदनगर अनुमंडल क्षेत्र में स्नातक स्तर की शिक्षा के लिए सरकारी स्तर पर मगध विश्वविद्यालय की एकमात्र अंगीभूत इकाई दाउदनगर महाविद्यालय दाउदनगर है. शेष वित्त रहित कॉलेज हैं. यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जिस तरह छात्राओं के बीच शैक्षणिक जागरूकता बढ़ी है. उस अनुपात में शैक्षणिक संसाधन नहीं बढ़ पाये हैं.
इंटर स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों का अभाव है. कॉलेजों में पर्याप्त मात्र में शैक्षणिक संसाधन मौजूद नहीं है. यदि कहीं मौजूद भी है तो आवागमन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्राएं नियमित कॉलेज नहीं आ पाती है. इन्हीं सब मुद्दों पर महिला महाविद्यालय दाउदनगर की छात्राओं ने विचार व्यक्त किये.
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