औरंगाबाद (कोर्ट): बिहार राज्य अनुबंध मानदेय नियोजित सेवाकर्मी संयुक्त मोरचा के आह्वान पर सोमवार को बिहार बंद के दौरान नियोजित कर्मचारियों सड़कों को जाम कर प्रदर्शन किया. संयुक्त मोरचा द्वारा बिहार बंद को सफल बनाने के आह्वान पर कई संगठनों ने भी इनके समर्थन में सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की.
हालांकि जिले में बंद का आंशिक असर ही रहा. बंद के दौरान नियोजित सेवा कर्मियों ने रमेश चौक के समीप सड़कों पर टेंपो व अन्य वाहनों को लगा कर जाम कर दिया. इससे लोगों को काफी परेशानी हुई. इसके बाद नियोजित कर्मचारियों ने एनएच दो को भी जाम कर दिया. लगभग दो घंटे तक एनएच के जाम रहने से वाहनों की लंबी कतार लग गयी. अधिक देर तक जाम रहने की संभावना को देखते हुए कुछ यात्री बसें पुरानी जीटी रोड से होकर भी गुजरी.
जाम के दौरान नियोजित कर्मचारियों ने सभा भी की. सभा की अध्यक्षता विजय कुमार सिंह उर्फ गोप व देखरेख डॉ विजय कुमार यादव ने की. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि नियोजित शिक्षक व कर्मचारियों अधिकार मांग रहे हैं न की भीख. सरकार शिक्षा व शिक्षक के प्रति दोरंगी नीति अपना रही है. आखिर समान काम के लिए असमान वेतन क्यों दिया जा रहा है. संवैधानिक रूप से यह अधिकार है कि समान काम के लिए समान वेतन दिया जाये. इस मौके पर अनीश कुमार, बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अशोक पांडेय, रामानुज कुमार, विनय यादव, कलेंदु कुमार कांत, रवींद्र कुमार सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.
समर्थन में सड़क पर उतरी भाकपा माले : बिहार राज्य अनुबंध मानदेय नियोजित सेवाकर्मी संयुक्त मोरचा द्वारा आठ सूत्री मांगों को लेकर बिहार बंद के समर्थन में भाकपा माले भी सड़क पर उतरी. रमेश चौक के समीप भाकपा कार्यकर्ताओं ने भी सड़क को जाम कर दिया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की. इस दौरान आइसा के राष्ट्रीय नेता नीरज सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा राज्य में आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण की नीतियों का कुप्रभाव यहां के मजदूरों, छात्रों, व मेहनतकशों पर पड़ रहा है. भाकपा माले नेताओं ने राज्य के तमाम सेवाकर्मियों की सेवा को स्थायी व समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग की. इस मौके पर राम कुमार चौधरी, अजीत कुमार, विकास, कैलाश पासवान सहित अन्य लोग उपस्थित थे.