औरंगाबाद सदर : शहर में चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं. चोर रोजाना वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं. पहले जहां चोरी की घटनाएं छिटपुट दिखती थीं, वहीं आज घर-मकानों में चोरी के अलावे बाइक व ट्रक की चोरी जैसी बड़ी वारदात भी होने लगी हैं. एक सप्ताह के अंदर एक बाइक और एक ट्रक की चोरी ने लोगों को बेचैन कर दिया है.
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आपके बंद घर व सड़क पर खड़ी बाइक पर है चोरों की गिद्ध दृष्टि
औरंगाबाद सदर : शहर में चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं. चोर रोजाना वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं. पहले जहां चोरी की घटनाएं छिटपुट दिखती थीं, वहीं आज घर-मकानों में चोरी के अलावे बाइक व ट्रक की चोरी जैसी बड़ी वारदात भी होने लगी हैं. एक सप्ताह के […]
हालांकि, इस चोरी के मामले में एक चोर पुलिस के हत्थे भी चढ़ा, लेकिन पुलिस कुछ भी साफ-साफ उगलवाने में नाकाम रही. वहीं दो अलग-अलग घरों से चोरी करते एक महिला चोर को भी पूर्व में पकड़ा गया था. इस स्थिति में शहर में एक बार फिर से चोरों का दहशत बढ़ गया है और चोरी की घटना से लोग परेशान हो रहे हैं. स्थिति यह है कि लोग घर छोड़कर बाहर घूमने या रिश्तेदारों के यहां जाने से कतरा रहे हैं, तो बाइकसवार अपने मोटरसाइकिल बाजार में कहीं खड़े करने से डर रहे है.
चोरों की नजर में गड़ी हैं ये जगहें : शहर में बाइक चोरों का उत्पात इससे पूर्व भी लोगों को बेचैन कर चुका है. एक बार फिर से बाइक चोरी की घटना बढ़ने से लोग दहशत में हैं.
अब तक घटी घटनाओं में यह देखा गया है कि शहर में कुछ ऐसे जगह है जो चोरों की नजर में गड़ गयी है. ऐसे जगह चोरों के लिए माकूल बनी है, जहां से पलक झपकते बाइक गायब कर देना आसान होता है. शहर के सब्जी मंडी, पोस्टऑफिस गेट, तमाम मंदिर, व्यवहार न्यायालय परिसर, समाहरणालय, जिला पर्षद, पर्षद बाजार, बद्री नारायण मार्केट, सभी बैंक, कचहरी रोड, सभी कॉलेज, बस स्टैंड, होटल व रेस्टूरेंट आदि जगह ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा चोरी की घटना घटती है और लोग यहां अपने बाइक लगा कर बेफिक्र भी हो जाते हैं.
पर्व-त्योहार को टारगेट बना रखे हैं चोर : अक्सर बड़े पर्व-त्योहार आते ही चोरों की चांदी हो जाती है. लोग पर्व-त्योहार को लेकर जहां उल्लास में अपनी सुरक्षा भूल जाते हैं, ठीक उसी वक्त चोरों को चोरी का एक मौका मिल जाता है. ऐसे कई मामले घट चुके हैं, जिसमें यह देखा गया है कि पर्व त्योहार के मौके पर घर में ताला लगा कर लोग अपने गांव या कहीं घुमने निकल जाते हैं और लौटने पर घर का ताला टूटा मिलता है. दरअसल चोरों के लिए यही वो मौका होता है, जब एक साथ सारे लोग घर से गायब रहते हैं. पुलिस पदाधिकारी की भी यह मानते है कि ऐसे अवसरों पर सचेत रहने की जरूरत है. क्योंकि, पर्व-त्योहार को चोर टारगेट बनाये रखते हैं.
बेफिक्र घर छोड़ना दे सकता है चोरों को निमंत्रण : आज से ठीक 14 दिन बाद नवरात्र प्रारंभ हो रहा है और लोग इस पर्व की तैयारी में अभी से जुटे हुए हैं. शहर में ऐसे कई लोग हैं, जो इस पर्व के मौके पर अपने-अपने घर लौटते हैं. ऐसे में किराये के मकान, फ्लैट, अपार्टमेंट सहित कई निजी घर खाली हो जाते हैं.
कम से कम दो से तीन दिन की छुट्टियों पर लोग जाते ही जाते हैं. ऐसे में बेफिक्र घर छोड़ कर जाना घर में चोरी को निमंत्रण देना है. साथ ही, शहर में जहां -तहां बाइक व कार खड़ी करना भी चोरों को मौका देना है. तो इसका आखिर उपाय क्या है कि लोग ऐसे वारदात से बच सके और चोरी की घटना पर नियंत्रण लग सके.
थानाध्यक्ष शहरवासियों को दे रहे सुझाव
नवरात्र और छठ ऐसा पर्व है जो लोगों के लिए काफी महत्व रखता है. ऐसे में सारे काम को निबटा कर लोग पर्व-त्योहार को मनाने अपने-अपने घर या फिर कहीं घुमने निकल जाते हैं. बेहतर यही होगा कि लोग भी सुरक्षा को लेकर पुलिस की मदद करें. इस मामले को लेकर लोग जागरूक रहें, ताकि चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण हो सके. पर्व-त्योहार पर घर छोड़ कर बाहर जाने वाले लोगों को चाहिए कि आस पड़ोस को घर की सुरक्षा के लिए जवाबदेही सौंप कर जायें या फिर घर की सुरक्षा के लिए किसी एक सदस्य को घर में तैनात कर दें. इसके अलावे शहर से बाइक की चोरी रोकने के लिए चाहिए कि लोग अपने मोटरसाइकिल कुछ ऐसे जगहों पर पार्क करें, जो सुरक्षित स्थान हो. संभव हो तो शहर में एक ऐसा पार्किग स्टैंड बने.
शहरवासियों को पुलिस से उम्मीद
इधर, शहरवािसयों का कहना है कि पर्व के दौरान चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस को रात्रि गश्ती की व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए. यह तय किया जाये कि रात के वक्त शहर की सड़कों व गली-मुहल्लों पर पुलिस की नजर रहे. चोरी के पुराने मामलों के खुलासे व अपराधियों की गिरफ्तारी पर भी पुलिस को ध्यान होगा. तभी शहर के लोग इत्मीनान से त्योहार का मजा ले सकेंगे
छूटे दुनिया तो छूटने देना रिश्ता औरों से टूटने देना..
अधिवक्ता भवन में साहित्य कुंज के बैनर तले हुई कवि गोष्ठी
मानवता, प्रकृति, प्रेम व शृंगार से जुड़ी कविताओं से गुलजार रही महफिल
मांगूं मैं रब से एक ऐसा जमाना’
जहां न गम का कोई हो ठिकाना,
सलामत रहे हरेक गांव-बस्ती,
न डूबे किसी की उम्मीदों की कश्ती .
इन चंद पंक्तियों के माध्यम से युवा कवि प्रियर्दशी किशोर श्रीवास्तव ने स्थानीय अधिवक्ता भवन में साहित्य कुंज द्वारा आयोजित कवि-गोष्ठी के माध्यम से सभी के लिए खुशहाल जीवन की कामना की.
गोष्ठी में युवा कवि जनार्दन मिश्र जलज ने अपनी रचना आवारा बादल व धनंजय पांडेय जयपुरी ने अपनी शृंगारिक कविता के माध्यम से लोगों के मन को गुदगुदाया, वहीं युवा कवि अरविंद अकेला ने अपनी शृंगारिक रचना मेरे प्यार के गांव में की इन पंक्तियों –
जब शाम ढले, कोयल कुहके
पंछी चहके, जब दिल धड़के
चले आना बरगद के तले
मेरे प्यार के गांव में .
सुना कर सबका मन मोह लिया. युवा रचनाकार नागेंद्र दुबे की रचना में जहां प्रेम के प्रति दिल के जज्बात देखने को मिले, वहीं वरिष्ठ शायर शब्बीर हसन शब्बीर ने अपने गीत की इन पंक्तियों –
दिल की धड़कन तुझे आवाज दिये जाती है,
तेरे गीतों को नया साज दिये जाती है के माध्यम से लोगों को झुमने पर मजबूर कर दिया. युवा शायर व कलाकार आफताब राणा की ये पंक्तियां छूटे दुनिया तो छूटने देना, रिश्ता औरों से टूटने देना, मां के कदमों तले होती है जन्नत, मां को दिल से कभी रुठने न देना. सुना कर वाहवाही बटोरी.
साहित्य कुंज द्वारा आयोजित इस गोष्ठी की अध्यक्षता देववंश सिंह जबकि संचालन अरविंद अकेला ने किया. इस गोष्ठी में सिद्धेश्वर विद्यार्थी सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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