शराबबंदी . शराब बेचने व पीनेवाले सुधरें नहीं, तो होंगे जिलाबदर
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दो लोगों के खिलाफ भेजा प्रस्ताव
शराबबंदी . शराब बेचने व पीनेवाले सुधरें नहीं, तो होंगे जिलाबदर शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार ने शराब पीने व बेचने वालों को चेतावनी दी है. वे सुधर जायें वरना उनको जिलाबदर किया जायेगा. अररिया : सूबे में शराबबंदी के नौ माह पूरे हो चुके हैं. उत्पाद विभाग, पुलिस व सीमा […]
शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार ने शराब पीने व बेचने वालों को चेतावनी दी है. वे सुधर जायें वरना उनको जिलाबदर किया जायेगा.
अररिया : सूबे में शराबबंदी के नौ माह पूरे हो चुके हैं. उत्पाद विभाग, पुलिस व सीमा सुरक्षा बल के प्रयासों से जिले में बहुत हद तक शराब के काले कारोबार पर अंकुश भी लगाया है. लेकिन इसके बाद भी अवैध शराब के कारोबारी व आदतन शराबियों को शराब या नशा का विकल्प आसानी से मिल रहा है. कारण है अब भी अवैध कारोबारी पुलिस व मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग से चोरी छिपे अपने कारोबार का जड़ फैला रहे हैं. कार्रवाई होने पर पकड़े जाते हैं, लेकिन फिर जमानत पर जेल से बाहर आते हैं और फिर वही काम करना शुरू कर देते हैं. सरकार ने अपनी घोषणाओं में ऐसे लोगों को सुधर जाने की चेतावनी भी दी.
लेकिन प्रति दिन जिले में पकड़े जा रहे नेपाल व बंगाल निर्मित शराब ने पुलिस व उत्पाद विभाग की नींद हराम कर रखी है. ऐसे आदतन आरोपियों पर अब उत्पाद विभाग व जिला की पुलिस दो अक्तूबर को लागू हुए नये उत्पाद नीति के तहत धारा 66 की कार्रवाई करने जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो कांडों के दो नामजद आरोपियों के विरुद्ध पुलिस महकमा धारा 66 के तहत कार्रवाई के लिए समाहर्ता के पास प्रस्ताव भेज भी चुकी है. लेकिन अब उत्पाद विभाग भी धारा 66 की कार्रवाई का मन बन रहा है. इससे शराब के अवैध कारोबारियों व आदतन शराबियों को शराब पीना या बेचना काफी महंगा पड़ सकता है.
क्या है धारा 66
मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शराब के कारोबारी व आदतन शराबियों को प्रेरित करने वाले लोगों के विरुद्ध समाहर्ता द्वारा नोटिस भेजा जायेगा. नोटिस में उससे स्पष्टीकरण की मांग की जायेगी. अगर स्पष्टीकरण का जबाव संतोषजनक नहीं हुआ तो तब समाहर्ता (डीएम) के लिखित आदेश देते हुए वैसे व्यक्ति को जिला बदर करने का आदेश दे सकते हैं. किसी खास क्रियाकलाप, व्यवसाय जिसमें वह हाल में शामिल होने वाला है उसे प्रतिबंधित किया जा सकेगा.
अगर कोई शराबी है तो उसे नशा मुक्ति केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में छह माह तक रखा जायेगा. इसके बाद उसे समाज में वापस लौटने के छह माह बाद तक उसके आचरण पर नजर रखी जायेगी. बावजूद सुधार नहीं हुआ तो उसे भी निष्कासन का आदेश समाहर्ता द्वारा दिया जा सकता है.
अब शराब बेचना और पीना पड़ेगा महंगा
शराब पीना व कारोबार करना अब महंगा पड़ेगा. ऐसे लोग सुधर जायें, वरना धारा 66 के तहत ऐसे प्रावधान हैं जिसे मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग व पुलिस विभाग अपनाने की सोच रही है. ऐसे लोगों के आचरण पर नजर रखी जा रही है.
लाला अजय कुमार सुमन, उत्पाद अधीक्षक
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